दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान बीते 42 दिनों से अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं। जब तक सरकार द्वारा कृषि कानूनों को वापिस नहीं लिया जाता। किसी भी स्थिति में किसानों को वहां से हटाया नहीं जा सकता।

कड़कती ठंड और बारिश में भी युवा और बुजुर्ग किसान आंदोलनरत हैं। सामाजिक संगठन खालसा ऐड द्वारा किसानों के लिए मोबाइल शेल्टर होम भी बनाए गए हैं।

इसी बीच उत्तर प्रदेश के सीतापुर से एक वीडियो सामने आई है। इसमें देखा जा सकता है कि पुलिस अधिकारी किसानों को धमकी दे रहे हैं।

वीडियो को देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि सीतापुर में किसान संगठन मार्च निकाल रहे थे। जिसे पुलिस द्वारा रोका गया है। वीडियो में एक पुलिस अधिकारी कहते हुए नजर आ रहे हैं कि आपका आपके जलूस पर कोई कंट्रोल नहीं है। आपका छज्जा तक गिरवा दूंगा !

वीडियो में मौजूद किसान को पुलिस ने घेर रखा है। जिसमें किसान नेता यह कहने की कोशिश कर रहे हैं कि इस मार्च में शामिल उनके संगठन के लोगों पर उनका पूरा कंट्रोल है लेकिन जो लोग बाहर के हैं वह नहीं।

पुलिस का कहना है कि इस मार्च में कोई भी बाहरी शख्स नहीं है। सभी लोग आपके संगठन के ही हैं।

दुखी होकर किसान नेता ने यह तक कह दिया कि आप भले ही मेरा छज्जा तुड़वा दीजिए या मुझे जेल भिजवा दीजिए।

पुलिस का कहना है कि जो भी प्रदर्शन करना है। उसे कानून के दायरे में रहकर करो तो बेहतर होगा। इसके बाद पुलिस ने वहां से प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए कह दिया।

गौरतलब है कि इस किसान आंदोलन की शुरुआत में भाजपा शासित हरियाणा में भी पुलिस ने किसानों पर काफी क्रूर कार्रवाई की थी। जिसकी देश के साथ-साथ विदेश में भी निंदा हुई थी।

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