उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और भाजपा के फायरब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ हमेशा की तरह इस बार भी अपने विवादित बयान के कारण सुर्ख़ियों में हैं। बीते रविवार को गाज़ियाबाद में एक रैली के दौरान योगी ने भाजपा के लिए प्रचार करते हुए भारतीय सेना को ‘मोदी की सेना’ बताया था। ये बात उन्होंने पूरे होश-ओ-हवास में कही थी, इसमें उनके बयान को तोड़ने-मडोड़ने की कोई गुंजाइश नहीं है।

विपक्ष ने जब योगी के इस बयान की शिकायत चुनाव आयोग से की तो आयोग ने योगी को कारण बताओ नोटिस भेजा। योगी के जवाब में चुनाव आयोग ने ‘मोदीजी की सेना’ वाले बयान के लिए हलकी नाराजगी जताते हुए योगी को छोड़ दिया है। साथ ही आयोग ने उन्हें भविष्य में अपनी टिप्पणियों में सावधानी बरतने को कहा है! यह हैरान करने वाला है कि, चुनाव आयोग भी योगी आदित्यनाथ पर कितना सख्त हो गया!

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समाजवादी पार्टी के नेता और विधान परिषद के सदस्य सुनील सिंह यादव ने योगी आदित्यनाथ पर ट्वीट करते हुए तीखा हमला किया है। उन्होंने लिखा है कि, “योगी जी के दिमाग में मनुवाद और नफ़रत का ऐसा वायरस घुस चुका है कि वह उनकी राजनीतिक शचिता और संविधान के प्रति जिम्मेदारी के भाव को ही खोखला कर चुका है। अब उनकी भाषा और नफ़रत के सौदागरों में कोई अंतर नहीं बचा है।”

हालाँकि योगी के बयान से चुनाव आयोग संतुष्ट नहीं था और उसने योगी से कहा कि भविष्य में अपने बयानों में अधिक सावधानी बरतें। चुनाव आयोग ने योगी आदित्यनाथ से यह भी कहा कि वरिष्ठ राजनेता और महत्वपूर्ण पद पर काबिज होने के नाते उनके बयान में उनका कद झलकना चाहिए।

आयोग ने असंतुष्ट होते हुए भी योगी को साफ़-साफ़ क्यों छोड़ दिया? इसका जवाब और सच्चाई लगभग सभी को पता है कि योगी क्यों आयोग की कार्रवाई से बच गए!

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