उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा बनाए गए नए धर्मांतरण कानून का इस्तेमाल मुस्लिम युवाओं को टार्गेट करने के लिए किया जा रहा है।

ताज़ा मामला बिजनौर ज़िले से सामने आया है। यहां पुलिस ने दलित युवती के साथ पिज़्ज़ा खाने गए एक मुस्लिम युवक को इस कानून के तहत गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया।

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पुलिस ने 18 वर्षीय मुस्लिम युवक सोनू उर्फ साकिब पर आरोप लगाया है कि वो दलित युवती को भगाकर ले गया था और धर्म परिवर्तन कराकर उससे शादी करना चाहता था।

पुलिस का कहना है कि दलित युवती के पिता की शिकायत पर ही आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। वहीं दलित युवती के पिता ने पुलिस की इस बात को ग़लत बताया है।

पश्चिमी यूपी के बरखेड़ा गांव निवासी दलित लड़की के किसान पिता का कहना है कि सोनू उनकी लड़की को भगाकर नहीं ले गया था, न ही उसका शादी करने का कोई इरादा था।

पुलिस ने मनमानी कर शिकायत खुद बोलकर दर्ज कराई है और ‘इस पूरे मामले को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया। लड़की ने भी यहां ये साफ़ किया है कि सोनू ने कभी उससे शादी या धर्मांतरण पर कोई चर्चा नहीं की थी।

द प्रिंट में छपी ख़बर के मुताबिक, पुलिस ने सोनू के खिलाफ धर्मांतरण कानून के अलावा अपहरण, एससी एंड एसटी (अत्याचार निवारण) एक्ट और पोक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। खास बात है कि पिता की शिकायत में किसी भी तरह के यौन हमले का उल्लेख नहीं है। मगर पुलिस ने सोनू के खिलाफ यौन हमले की धारा में भी केस दर्ज किया है।

पुलिस का कहना है कि लड़की के पिता ने शिकायत दर्ज कराई थी कि सोनू ने उनकी लड़की को विवाह के इरादे से खुद के साथ रहने के लिए ‘फुसलाया’ और जबरन उसका धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश की।

वहीं लड़की के पिता ने पुलिस की बात से इनकार किया है। किसान पिता ने कहा कि उसने ऐसा कभी नहीं कहा।

लड़की के पिता ने बताया कि उसने पुलिस को बताया था कि उसकी लड़की सोनू के साथ बाहर घूमने गई थी जो कि ग़लत है, लेकिन पुलिस और फिर मीडिया ने आकर इसे तिल का ताड़ बना दिया।

पिता ने कहा, ‘मैंने पुलिस से कहा था कि मैं शिकायत नहीं करना चाहता, लेकिन उन्होंने मुझे डांट दिया और कहा कि बाद में वे भाग सकते हैं और मुझे अपनी बेटी के लिए ऐसा करना चाहिए। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या कैसे होता है, इसलिए मैं तैयार हो गया।’

ग़ौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020 राज्य में नवंबर से लागू है। इसमें गैर कानूनी रूप से धर्म परिवर्तन कराने पर और लड़की का धर्म बदलने के इरादे से विवाह करने पर 10 साल तक की सज़ा का प्रावधान है।

इस कानून के लागू होने के बाद से कई जगहों से पुलिस द्वारा कानून का ग़लत इस्तेमाल किए जाने की शिकायत आ चुकी है।

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