उत्तर प्रदेश में किसानों को कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध करने से रोका जा रहा है। दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मौके पर होने वाली ट्रैक्टर परेड में किसानों को जाने से रोकने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पेट्रोल पंपों को फरमान दिया था कि किसानों को डीजल न दिया जाए।

अब खबर सामने आ रही है कि बागपत में 40 दिन से आंदोलन कर रहे किसानों पर पुलिस द्वारा हिंसक कार्रवाई की गई है।

गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में घटी घटना के बाद योगी सरकार ने बागपत के बड़ौत में आंदोलन कर रहे किसानों के टेंट धरना स्थल से उखाड़ दिए हैं। यूपी पुलिस ने जबरदस्ती उनका आंदोलन खत्म करवाया है।

खबर के मुताबिक, दिल्ली सहारनपुर हाईवे पर कृषि कानूनों के विरोध में किसान बीते 40 दिनों से धरना कर रहे थे। 27 जनवरी को आला अधिकारियों द्वारा किसानों पर इस धरने को खत्म करने का दबाब बनाया जा रहा था।

इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच काफी वक्त तक बातचीत हुई। लेकिन किसान हटने के लिए नहीं मानें।

इस मामले में राष्ट्रीय लोक दल पार्टी के नेता जयंत चौधरी ने योगी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने किसानों पर यूपी पुलिस द्वारा की गई क्रूर कार्रवाई की एक तस्वीर ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा है कि

‘कल देर रात बड़ौत में पुलिस ने सोते हुए किसानों पर लाठियां बरसाई! इस बुजुर्ग किसान को देखो। ये कोई आतंकवादी या अपराधी है क्या?’

बताया जा है कि पुलिस कल रात 11 बजे भारी फोर्स के साथ धरनास्थल पहुंची। पुलिस कर्मचारियों ने जेसीबी चलाकर हाईवे पर लगाए गए सीमेंट के बैरिकेड को ढा दिया।

इस दौरान धरना प्रदर्शन पर मौजूद किसानों पर पुलिस ने लाठियां भी बरसाई गई।

उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा की गई इस कार्रवाई के बाद योगी सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर आ गई है के विपक्षी नेताओं पुलिस की इस हरकत की आलोचना की है।

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