yashwant sinha
Yashwant Sinha

नागरिकता कानून (CAA) के विरोध में गांधी शान्ति मार्च निकाल रहे यशवंत सिन्हा महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान होते हुए उत्तर प्रदेश पहुँच गए हैं। जहां उन्होंने शत्रुघ्न सिन्हा और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ प्रेस कांफ्रेंस की।

इस दौरान उन्होंने सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाकर गृहमंत्री अमित शाह की भाषा को अलोकतांत्रिक बताया। उत्तर प्रदेश में कई जगह पर सीएए के विरोध में प्रदर्शन चल रहे हैं। उत्तर प्रदेश की राजधानी घंटाघर में भी बीते 11 दिन से प्रदर्शन हो रहा है।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का रुख इस मुद्दे पर जग ज़ाहिर है। प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने प्रदर्शन कर रही महिलाओं पर पहले ही आपत्तिजनक टिपण्णी की थी। प्रदर्शन कर रही महिलाओं और पुरुषों पर एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार भी किया गया था। जबकि लोकतंत्र में शान्तिपूर्ण प्रदर्शन करने का अधिकार हर नागरिक को है।

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यशवंत सिन्हा ने सीएए को मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए सरकार द्वारा अपनाया गया हथकंडा बताया। उन्होंने कहा कि ‘आज देश की अर्थव्यवस्था इतनी खराब हो चुकी है कि एअर इंडिया को खरीददार तक नहीं मिल रहे हैं। सरकार पूरी तरह कंगाल हो चुकी है। सरकार ने आरबीआई से करीब एक लाख 45 हजार करोड़ रुपये लेकर कुछ उद्योगपतियों को दे दिए हैं। इससे अर्थव्यवस्था को कोई फायदा नहीं हुआ है। किसानों के पास आत्महत्या करने के अलावा अब और कोई रास्ता नहीं बचा है।’

उन्होंने आगे कहा- लखनऊ में शांतिपूर्ण तरीके से बैठकर महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं तो उनके कंबल और रजाई उठाकर ले गए। यह एक तरह का टेररिज्म है इसलिए देश में शांति की जरूरत है। CM योगी की भाषा निंदनीय है।’

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गौरतलब है कि सीएए के नियम क्या होंगे इस बात की पुख्ता जानकारी अभी किसी को भी नहीं है। खुद प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के बयानों में भी साफ़ तौर पर अंतर देखा जा सकता है। इसी बात का हवाला देते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा कि जिस कानून के नियम ही सही ढंग से नहीं तय किये गए हैं उस कानून को सरकार लागू कैसे कर सकती है।

यशवंत सिन्हा ने सीएए को अलोकतांत्रिक बताकर सरकार से इसे वापस लेने के लिए कहा। सीएए के खिलाफ यशवंत सिन्हा की गांधी शांति यात्रा का समापन 30 जनवरी को दिल्ली में राजघाट पर होगा। यात्रा की शुरुआत 9 जनवरी को गेटवे ऑफ इंडिया से हुई थी क्योंकि महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका सबसे पहले इसी स्थान पर आए थे।

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