चौथी बार विश्व चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम करने के बाद अमेरिका की महिला फुटबॉल टीम ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा व्हाइट हाउस में दिए गए निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है।
अमेरिकी टीम की स्टार फुटबॉल खिलाड़ी मेगन रापिनो ने निमंत्रण को अस्वीकार करने का फैसला करते हुए कहा कि वे देश में हो रही घृणा की राजनीति का त्याग करती है और समुदायों के मध्य प्रेम व करुणा चाहती हैं। उनके इस फैसले का पूरी टीम ने समर्थन किया है।
हालांकि रापिनो ने जीत से पहले ही यह साफ़ कर दिया था कि वह अगर वे वर्ल्ड कप जीत जाती हैं और उन्हें व्हाइट हाउस में बुलाया जाता है तो वो नहीं जाएंगी। उन्होंने ये फैसला ट्रंप प्रशासन के रवैये, एलजीबीटी समुदाय और महिलाओं के प्रति उनकी नीतियों पर आपत्ति जताते हुए किया था।
रापिनो के इस फैसले को दुनियाभर में सराहा जा रहा है। भारत में भी लोग उनकी जमकर प्रशंसा कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के रिटायर्ड आईएएस सूर्यप्रताप सिंह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखकर कहा कि क्या भारत में ऐसा संदेश जा सकता है?
उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “अमेरिका की विश्वकप जीतने वाली महिला फुटबॉल टीम ने वाइट हाउस का निमंत्रण अस्वीकार कर कहा कि वे देश में हो रही घृणा की राजनीति का त्याग करते है, समुदायों के मध्य प्रेम व करुणा चाहते हैं। क्या भारत मे ऐसा संदेश जा सकता है? जहां घृणा की राजनीति लोकतंत्र की खाये जा रही है”।
अमेरिका की विश्वकप जीतने वाली महिला फुटबॉल टीम ने वाइट हाउस का निमंत्रण अस्वीकार कर कहा कि वे देश मे हो रही घृणा की राजनीति का त्याग करते है, समुदायों के मध्य प्रेम व करुणा चाहते हैं।
क्या भारत मे ऐसा संदेश जा सकता है? जहां घृणा की राजनीति लोकतंत्र की खाये जा रही है। https://t.co/8cfkNkF6kV— Surya Pratap Singh (@suryapsinghias) July 11, 2019