उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साम्प्रदायिकता भरे बयानों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। अपने ही अंदाज में अखिलेश यादव ने मोदी पर इशारों-इशारों में ट्वीट करके तंज कसा है।

पांच साल तक ‘विकास’ की बात करने के बाद एकाएक चौकीदार की बात करने वाले पीएम मोदी को घेरते हुए अखिलेश ने बेरोजगारी, गरीबी को याद दिलाया है।

अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में लिखा है कि, “बेरोजगारी धर्म और मजहब नहीं देखती। गरीबी धर्म और मजहब नहीं देखती। दुःख-दर्द धर्म और मजहब नहीं देखते हैं। तो फिर आज कुछ नेताओं को हर चीज में केवल धर्म और मजहब ही क्यों दिखाई दे रहे हैं।”

मोदी ने सोमवार को महाराष्ट्र के वर्धा कि एक रैली में कहा कि, “कांग्रेस ने देश के करोड़ों लोगों पर हिन्दू आतंकवाद का कलंक लाने कि कोशिश कि है। इन्हें सजा देना जरुरी है। जहाँ हिन्दू अधिक हैं, वहां चुनाव नहीं लड़ सकते, इसीलिए ऐसे जगह भागे हैं जहाँ बहुतायत में अल्पसंख्यक हैं।”

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जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच साल तक लोगों के अच्छे दिन लाने और स्मार्ट सिटी, रोजगार, गरीबी, गंगा सफाई जैसी न जाने क्या क्या बातें किया करते थे।

वही मोदी अब साम्प्रदायिकता का सहारा लेकर एक बार फिर देश में हिन्दू बनाम मुस्लिम माहौल फैला रहे हैं। इसपर सवाल उठता है कि क्या प्रधानमंत्री मोदी के पास अब अपने कोई कार्य नहीं हैं जिनको वो जनता को बताकर वोट मांग सकें?

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हालाँकि अभी तो ये पीएम के रैलियों की शुरुआत है। क्योंकि लोकसभा का अभी पूरा चुनाव प्रचार बचा हुआ है। जब इसकी शुरुआत में ही हिन्दू-मुस्लिम डिबेट पीएम मोदी की तरफ से कहा जाने लगा है तो फिर आगे कि कल्पना ही की जा सकती है! इसी तरह से यूपी विधानसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने श्मशान-कब्रिस्तान करके वोट हासिल किए थे।

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