बुलंदशहर हिंसा मामले में अब बीजेपी के विधायक संजय शर्मा ने शर्मनाक बात की है। उनका कहना है कि, बुलंदशहर में इंस्पेक्टर सुबोध की मौत तो सबको दिख गई लेकिन 21 गायों की मौत किसी को नहीं दिखी। बुलंदशहर मामले में असंवेदनशीलता बरतने के लिए जिन 83 पूर्व नौकरशाहों ने सीएम योगी आदित्यनाथ को इस्तीफ़ा मांगा था। उन्हीं पूर्व नौकरशाहों को लिखे ख़त में बीजेपी विधायक ने ये बात कही है।

बीजेपी विधायक ने ख़त में लिखा, “आप सब बुलंदशहर की घटना पर चिंतित हो, आपके कल्पनाशील दिमाग़ के केवल दो लोगों ड्यूटी पर तैनात सुबोध कुमार सिंह, और सुमित की मौत को देख पा रहे हैं। लेकिन 21 गाय मरीं वो आपको नहीं दिख रहा है।“

संजय शर्मा बुलंदशहर की अनूपशहर सीट से भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं।

गाय की ज़िंदगी ज़्यादा क़ीमती या इंसान की?

बुलंदशहर हिंसा में शुरु से ही राज्य सरकार की तरफ़ से ढिलाई बरती गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सारा ध्यान गोकशी की वारदात पर था। हिंसा में सुबोध कुमार सिंह की शहादत के बाद उन्होंने आला अधिकारियों के साथ एक बैठक की थी जिसमें उन्होंने गोकशी की घटना पर सख़्त ऐतराज़ ज़ाहिर किया लेकिन शहीद के लिए एक लफ़्ज़ नहीं कहा। ज़ाहिर है कि उनके लिए गोहत्या ज़्यादा बड़ा मुद्दा रहा होगा। ना कि इंस्पेक्टर की शहादत!

क्या है बुलंदशहर मामला-

बीते 3 दिसम्बर को बुलंदशहर के में गोकशी की ख़बर के बाद बड़ी तादाद में इकट्ठा हुई भीड़ ने जमकर उत्पात मचाया था। हिंसक भीड़ ने थाना स्याना पर हमला कर दिया और इसी हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी। जिसका मुख्य आरोपी बजरंग दल का ज़िला संयोजक योगेश राज अब भी पुलिस की गिरफ़्त से बाहर है। हालांकि वो सोशल मीडिया पर अक्सर नज़र आता है।

पूर्व नौकरशाहों ने मांगा था योगी का इस्तीफ़ा-

घटना में योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा ढुलमुल रवैया बरतने के लिए यूपी के 83 पूर्व नौकरशाहों ने ग़ुस्सा ज़ाहिर किया था। राज्य के पूर्व अफ़सरों ने खुला ख़त लिखकर सीएम योगी आदित्यनाथ से इस्तीफ़े की मांग की थी। ख़त में उन्होंने लिखा था, “योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर हिंसा को गंभीरता से नहीं लिया, वो सिर्फ़ गोकशी पर ध्यान दे रहे हैं

शहीद की पत्नी ने कहा था, मिटाए जा रहे हैं सबूत-

बुलंदशहर हिंसा में भीड़ के हाथों मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध की पत्नी रजनी सिंह ने कहा था कि, “‘कोई भी ऐसा नहीं है जो ये बता सके कि आख़िर उस दिन क्या हुआ था। वो लोग अपने लोगों को बचा रहे हैं। धीरे-धीरे सारे सबूत मिटा रहे हैं।

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