आरक्षण को लेकर मध्यप्रदेश प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। कमलनाथ सरकार ने कहा है कि राज्य सरकार अन्य पिछड़ा वर्गों (OBC) के आरक्षण को 14 प्रतिशत से बढाकर 27 प्रतिशत करेगी।
इसके अलावा सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े नागरिकों के लिए राज्य सरकार सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान भी लागू करेगी।
बता दें कि, सीएम कमलनाथ जब मध्य प्रदेश में ओबीसी का आरक्षण बढ़ाने की बात कर रहे थे तब उसी समय योगी सरकार उत्तर प्रदेश में ओबीसी आरक्षण को खत्म करके 13 पॉइंट पोस्टर के तहत सरकार ने पहला विज्ञापन जारी कर दिया। जो ओबीसी, एससी, एसटी विरोधी था।
लेकिन उसी दिन कांग्रेस की मध्यप्रदेश सरकार ने ओबीसी आरक्षण को दोगुना कर दिया। वहीँ बीजेपी ने सवर्ण तुष्टिकरण करते हुए गरीब सवर्णों को बिना मांगे आरक्षण दे दिया था।
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आरक्षण के मुद्दे मुखर रहने वाले वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने लिखा है कि, “कमलनाथ ने ओबीसी आरक्षण 14 प्रतिशत से बढाकर 27 प्रतिशत करने का ऐलान कर दिया। बीजेपी के ओबीसी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ये काम 15 साल में नहीं कर पाए थे। ये स्वागत योग्य कदम है।”
मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण 14% से बढ़कर 27%. बीजेपी जो 15 साल में नहीं कर पाई, उसे कांग्रेस ने कर दिखाया। अध्यादेश जारी। बधाई।
— Dilip Mandal (@dilipmandal) March 10, 2019
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस बारे में बोलते हुए कहा, “समाज में सभी वर्गों को आगे बढ़ने के अवसर मिले, इसके लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। मैंने ओबीसी वर्ग के लिए 27 फीसदी और सामान्य वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण लागू करने का ऐलान किया है।”
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उन्होंने आगे बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, “यह एक बड़ा मामला है। बीजेपी नेता पिछड़े वर्ग के हितों की बात ही करते रहते हैं, लेकिन 15 सालों तक सत्ता में रहने के बावजूद वे इस वर्ग के कोटा को बढ़ा नहीं सके।” इसके साथ ही कमलनाथ ने प्रदेश में खाली पड़े 60 हज़ार सरकारी सीटों को भरने का भी ऐलान किया।