कश्मीर में लगातार बढ़ रही हिंसा पर 2009 में सिविल सेवा परीक्षा टॉप करने वाले शाह फ़ैसल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

उन्होंने इसकी जानकारी सोशल मीडिया पर देते हुए लिखा- कश्मीर में बेरोक हत्याओं और केंद्र सरकार से किसी भी विश्वसनीय राजनीतिक पहल के अभाव में, मैंने आईएएस पद से इस्तीफ़ा देने का फैसला किया है। कश्मीरियों की ज़िंदगी मायने रखती है।

दरअसल मोदीराज में कश्मीर के हालत बदतर होते जा रहे हैं। चाहे वो पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या का मामला हो या फिर कठुआ रेप केस मामला, सभी मामलों में मोदी सरकार पर कई सवाल उठे हैं।

गृह मंत्रालय के आँकड़ों के मुताबिक़, साल 2018 कुछ ऐसा रहा जम्मू और कश्मीर के लिए-

दो दिसंबर, साल 2018 तक चरमपंथ से जुड़ी 587 घटनाएं, सुरक्षाबलों से मुठभेड़ में 250 चरमपंथियों की मौत। इनके अलावा मरने वालों में 52 आम नागरिक और 86 सुरक्षाबल जान गवानी पड़ी है। साल 2018 में जम्मू और कश्मीर के लिए बेहद ख़राब साल साल था।

बता दें कि इससे पहले शाह फ़ैसल ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा था कि वो कश्मीर के हालात पर वे दुखी हैं।

तब शाह फ़ैसल श्रीनगर में शिक्षा विभाग के प्रमुख थे और कश्मीर हिंसा के दौरान मीडिया की नज़रअंदाजी से नाराजगी ज़ाहिर की थी

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