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बिहार दौरे के दौरान पीएम मोदी ने एक जनसभा में वंदे मातरम के नारे लगाए। इसमें नया कुछ भी नहीं वो अपनी हर रैली में अपने समर्थकों का जोश बढ़ाने के लिए नारें लगवाते रहते है। मगर जब ये नारा लग रहा था तब मंच पर बैठे एक शख्स के सिवा सभी वंदे मातरम के समर्थन में खड़े होकर नारे लगा रहें थे मगर बिहार के मुख्यमंत्री शांत बैठ हुए थे।
इस मामले पर सियासत तब गर्म हुई जब राजद नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर तंज कर दिया। जिसके बाद अब इस मामले में जेडीयू को भी सफाई देनी पड़ रही है। मगर जो सफाई पेश की गई वो बीजेपी को पसंद ना आये।
पार्टी के प्रवक्ता और जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने सीधे सीधे इसे एजंडे के बाहर मुद्दा बताते हुए ख़ारिज कर दिया। केसी त्यागी ने कहा कि हम वंदे मातरम गाने के पक्ष में हैं लेकिन ये किसी के ऊपर थोपा नहीं जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि ये एनडीए के स्वीकार किए गए एजेंडे का हिस्सा नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि संयुक्त रैली में सभी के भावनाओं का खयाल रखा जाना चाहिए।
त्यागी ने कहा कि हमारी पार्टी मानती है कि देश के लिए श्रद्धा कई तरीकों से दिखाई जा सकती है और बेशक, वंदे मातरम और भारत माता की जय के नारे लगाना उनमें से एक है।
लेकिन हमारी संस्कृति एक विविध संस्कृति है और हमें एक-दूसरे के रीति-रिवाजों का सम्मान करना चाहिए और लोगों को एक विशेष तरीके से अपनी देशभक्ति का प्रदर्शन करने के लिए बाध्य नहीं करना चाहिए