बुलंदशहर के स्याना गांव में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की उग्र भीड़ द्वारा की गई हत्या के बाद सूबे की योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बाद अब बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस घटना के लिए बीजेपी को ज़िम्मेदार ठहराया है।

उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकारों द्वारा अराजकता को संरक्षण देने का परिणाम है कि अब कानून के रखवाले भी बलि चढ़ रहे हैं। यह अति-दुख और चिन्ता की बात है। मायावती ने मंगलवार को एक बयान जारी करते हुए इस घटना पर गहरा दुख और संवेदना व्यक्त की।

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि भाजपा और उसकी सरकारों को उसके ही द्वारा उत्पन्न किए गये भीड़तंत्र के हिंसक और अराजक राज को खत्म करने के लिए देश और प्रदेशों में कानून का राज स्थापित करने का पूरी ईमानदारी से प्रयास करना चाहिए ताकि देश के संविधान व लोकतंत्र को भीड़तंत्र की बलि चढ़ने से रोका जा सके।

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मायावती ने कहा कि परिवारों को केवल समुचित अनुग्रह राशि देना ही प्रदेश सरकार के लिए काफी नहीं होना चाहिए, बल्कि इस हिंसा के लिए सभी दोषियों को सख्त से सख्त सजा समय पर दिलाना भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए ताकि देश को ऐसा महसूस हो कि उत्तर प्रदेश में कोई सरकार भी है।

इससे पहले अखिलेश ने ट्विटर के ज़रिए कहा, “बुलंदशहर में पुलिस व ग्रामीणों के संघर्ष में स्याना कोतवाल सुबोध कुमार सिंह की मौत का समाचार बेहद दुखद है। भावपूर्ण श्रद्धांजलि। उप्र भाजपा के शासनकाल में हिंसा और अराजकता के दुर्भाग्यपूर्ण दौर से गुज़र रहा है”।

बता दें कि बुलंदशहर की स्याना तहसील में सोमवार की सुबह कथित गोवंश हत्या के खिलाफ प्रदर्शन कर रही भीड़ की पुलिस से हिंसक भिड़ंत हो गई थी।

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इसमें भीड़ ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या कर दी थी और पुलिस चौकी में आग लगा दी थी। मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया जा चुका है।

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