पिछले दिनों जब गुजरात की तर्ज पर उत्तर प्रदेश फर्जी एनकाउंटर्स के लिए कुख्यात हो रहा था, तब योगी आदित्यनाथ ने एक जुमला उछाला था। सीएम योगी ने कहा था- अपराधी या तो सुधर जाएं या फिर यूपी छोड़ दें।

फिर सीएम योगी अपने भाषणों में इस बात का भी जिक्र करने लगे की अपराधी यूपी छोड़कर भाग रहे हैं। अब सवाल उठता है कि जब अपराधी यूपी छोड़कर भाग रहे हैं तो यूपी में अपराध कर कौन रहा है?

NCRB 2016 की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश भारत का दूसरा ऐसा राज्य जहां सबसे ज्यादा बलात्कार के मामले दर्ज होते हैं। फर्जी एनकाउंटर्स से लेकर गाय के नाम होने वाली हिंसा में भी इस राज्य का नाम शुमार है।

हाल ही में यूपी के बुलंदशहर में एक दर्दनाक घटना को अंजाम दिया गया है। ये घटना यूपी की कानून व्यवस्था और योगी आदित्यनाथ के दावों को पोल खोलने के लिए काफी है। 3 दिसंबर को बुलंदशहर के स्याना कोतवाली क्षेत्र भीड़ ने दिन दहाड़े पुलिस इस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी।

मामला गांव में कथित गोवंश के अवशेष मिलने की अफवाह से शुरु हुआ। फिर गुस्साए ग्रामीण और हिंदुत्ववादी संगठन के लोग लोग पहले घटनास्थल से कटे अवशेषों को ट्रैक्टर ट्रॉली में भरकर चिंगरावठी पुलिस चौकी पर पहुंच गए।

वहां उन्होंने जमकर हंगामा किया। पुलिस ने जब इन प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की तो यह पुलिस पर ही टूट पड़े। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कोतवाल सुबोध कुमार को बेरहमी से पीटा और चौकी को आग के हवाले कर दिया।

प्रदर्शनकारियों की इस पिटाई से कुमार बुरी तरह घायल हो गए। इसके बाद कुमार को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां कुछ देर बाद उन्होंने दम तोड़ दिया।

घटना होने के बाद भी सीएम योगी गोरखपुर में छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह के साथ लाइट शो देखते रहे। पुलिस ने इस मामले में जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है, उसमें बजरंग दल, विश्वहिंदू परिषद और बीजेपी के लोग के नाम शामिल हैं।

एफआईआर में सबसे ऊपर योगश राज का नाम है। योगेश बुलंदशहर में बजरंग दल का जिला संयोजक है। एफआईआर में नौवें नंबर पर शिखर अग्रवाल का नाम है। शिखर युवा बीजेपी विंग का कार्यकर्ता है और स्याना का नगर का अध्यक्ष रह चुका है।

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