BJP जिस प्रकार अपने प्रभावशाली वरिष्ठ नेताओं से किनारा कर रही है उससे लगता है कि आने वाले कुछ सालों में 68 वर्षीय पीएम मोदी को छोड़कर पार्टी में इतनी उम्र का दूसरा कोई नेता नहीं बचेगा।
BJP से वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, शांता कुमार सरिखे बड़े नेताओं की छुट्टी के बाद अब इंदौर लोकसभा सीट से लगातार आठ बार सांसद रहीं बीजेपी की वरिष्ठ नेता और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से किनारा कर लिया है।
बीजेपी द्वारा उनको टिकट नहीं देने के बारे में अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं कि है, लेकिन पार्टी की तरफ से नामों की सूची अभी तक जारी नहीं होने के बाद सुमित्रा महाजन ने खुद ही चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया है।
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उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने के फैसले को BJP को पत्र लिखकर बता दिया है। उन्होंने इंदौर लोकसभा सीट के उम्मीदवारों की घोषणा अभी तक नहीं करने पर बीजेपी पर सवालिया लहज़े में नाराज़गी दिखाई है, बीजेपी ने अभी तक इंदौर में अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। यह अनिर्णय की स्थिति क्यों है?
उन्होंने पत्र में आगे लिखा है कि , “BJP में उनके टिकट को लेकर असमंजस है और निर्णय लेने में दिक्कत हो रही है। इसलिए अब लोकसभा चुनाव नहीं लड़ूंगी। पार्टी को अब इंदौर सीट पर जल्द नाम तय करना चाहिए।”
पार्षद की उम्मीदवारी से शुरु हुआ कैरियर
साल 1982 में इंदौर नगर निगम के चुनावों में पार्षद पद की उम्मीदवारी से अपने चुनावी करियर की कामयाब शुरुआत करने वाली सुमित्रा महाजन पहली बार 1989 में संसद के लिए चुनी गईं। महाजन पहली बार साल-1999 से 2004 के बीच बाजपेयी सरकार में मंत्री रहीं।
इनको मिल सकता है इंदौर से टिकट
सूत्रों के अनुसार इंदौर लोकसभा सीट से बीजेपी के दावेदारों में शहर की महापौर और पार्टी की स्थानीय विधायक मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़, बीजेपी विधायक ऊषा ठाकुर, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व विधायक भंवर सिंह शेखावत और इंदौर विकास प्राधिकरण के पूर्व चेयरमैन शंकर ललवानी के के नामों की चर्चा है।