केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी एक बार फिर से चर्चा में है। इस बार उन्होंने जवाहर लाल नेहरु की बुराई न करके उनकी तारीफ करते हुए सबको चौका दिया है।

गडकरी ने नेहरु के एक बयान को याद करते हुए कहा कि जवाहरलाल नेहरू अक्सर कहा करते थे कि इंडिया इज नॉट ए नेशन, इट इज ए पॉपुलेशन (भारत एक देश नहीं बल्कि एक पूरी आबादी है)।

गडकरी का ये बयान तब आया है जब देश में बढ़ते डर के माहौल पर अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा इससे डर नहीं गुस्सा आता है, जब एक पुलिस अधिकारी से ज्यादा सरकार एक गाय को महत्व देती है।

गडकरी ने बिना नाम लिए कहा कि देश की एकता और विविधता हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग हैं। सहिष्णुता भारतीय संस्कृति का महत्त्वपूर्ण अंग है जिसने कई देशों से पलायन करके आये लोगों को अपने यहां आसरा दिया है।

गडकरी ने कहा कि नेहरु कहते थे इस देश का हर व्यक्ति एक प्रश्न है, एक समस्या है। उनकी ये बात मुझे बहुत पसंद है। मैं इतना तो कर सकता हूं कि मैं देश के सामने समस्या नहीं रहूंगा तो भी आधे प्रश्न सुलझ जाएंगे। मेरे से किसी ने अन्याय किया होगा लेकिन मैं उसके साथ अन्याय नहीं करूंगा। बीजेपी नेता ने कहा कि सामाजिक-आर्थिक बदलाव के लिए राजनीति एक माध्यम है।

गडकरी का बयान इसलिए भी चौकाने वाला है क्योंकि बीजेपी समेत पीएम मोदी जवाहरलाल नेहरु को पानी पी पीकर कोसते नज़र आतें है।

ऐसे में गडकरी की इस तारीफ का अपना ही सियासी मतलब है इससे पहले उन्होंने बीजेपी को मिली पांच राज्यों की हार पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जीत के साथ साथ हार की ज़िम्मेदारी भी आलाकमान को लेनी चाहिए

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