गुजरात के इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में एक आरोपी अधिकारी को वहां की रुपानी सरकार ने प्रमोशन दिया है। साथ ही सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में हाल ही में आरोपमुक्त हुए एक अन्य पुलिसकर्मी सहित छह आइपीएस अधिकारियों को गुजरात की बीजेपी सरकार ने प्रमोशन दिया दे दिया।

इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में सीबीआई द्वारा आरोपपत्र में नामजद सात पुलिस अधिकारियों में शामिल जीएल सिंघल को गाँधीनगर के कमांडो प्रशिक्षण केंद्र के उपमहानिरक्षक से महानिरक्षक के पद पर पदोन्नति दी गई है।

इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले को लेकर फरवरी 2013 में सिंघल को गिरफ्तार भी किया गया था। उसके बाद भी आरोपी अधिकारी को प्रमोशन देना विजय रुपानी सरकार की मंशा पर संदेह खड़ा कर रहा है!

हालाँकि सुनवाई के दौरान सीबीआई की अदालत ने सिंघल को जमानत दे दी थी। इसके बाद मई 2014 में राज्य सरकार ने उन्हें राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के पुलिस अधीक्षक के तौर पर बहाल किया था।

सोहराबुद्दीन शेख के कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में बंबई हाईकोर्ट ने हाल में आरोपमुक्त हुए विपुल अग्रवाल को प्रमोशन देकर सयुक्त पुलिस आयुक्त (प्रशासन) अहमदाबाद बनाया है।

बता दें कि मुंबई की रहने वाली 19 साल की इशरत जहां और तीन अन्य लोगों की 15 जून 2004 को अहमदाबाद में एक फर्जी मुठभेड़ का नाम देकर पुलिस द्वारा घेर कर गोली मार दी गई थी।

जिसके बाद गुजरात हाईकोर्ट ने विशेष जाँच टीम (SIT) की थी। एसआईटी की टीम ने जाँच में इस मुठभेड़ को फर्जी पाया था। जिसके बाद एक के बाद के आरोपी पुलिसवाले बरी होते रहे और उन्हें प्रमोशन मिलता रहा।

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