बिहार में चमकी बुखार से होने वाली मौत का आंकड़ा 100 पार जा पहुंचा है। मगर जब अस्पतालों में बच्चे दम तोड़ रहे थे तो ठीक उसी वक़्त केंद्रीय स्वास्थ राज्यमंत्री अश्विनी चौबे विजय जुलूस में शामिल थे और जश्न मना रहे थे।

खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा चुनाव में बिहार पर खास फोकस रखा मगर चुनाव बाद पीएम का बिहार पर वो फोकस ख़त्म हो गया है।

बिहार में चमकी बुखार से बच्चे मर रहे हैं लेकिन पीएम मोदी को इसकी कोई सुध नहीं है। इसी बात को याद दिलाते हुए प्रो. रतनलाल ने प्रधानमंत्री मोदी से सीधा सवाल पूछा है, उन्होंने लिखा- “लोकसभा चुनाव के समय 13 बार साहेब बिहार दौरे पर थे, बोलो हाँ कि नहीं। बोलो हाँ कि नहीं। लम्बे-लम्बे भाषण दिए थे। बच्चे मर रहे हैं। साहेब का कोई संदेश, tweet वगैरह आया या नहीं?

प्रधानमंत्री मोदी बिहार के हालात पर शांत हैं और साथ ही उत्तर प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर भी खामोश हैं।

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मगर, ये भी सच है कि आयुष्मान भारत योजना देकर प्रधानमंत्री ने देशभर से खूब वोट बटोरे हैं। ऐसे में जब बिहार में बदइंतजामी से बच्चे मर रहे हों तो क्या प्रधानमंत्री जनता को हिम्मत देने के देने के लिए भी एक ट्वीट नहीं कर सकते है? जबकि बीजेपी बिहार सरकार में गठबंधन की साथी है और वहां स्वास्थ मंत्रालय भी बीजेपी के खाते में ही आता है।

अब प्रधानमंत्री खामोश है। हो सकता है पीएम कुछ दिनों बाद शायद सोशल मीडिया पर कुछ लिख दें, खानापूर्ति कर दें मगर इतने से काम नहीं चलेगा।फ़िलहाल के लिए उन्हें बिहार का दौरा करना चाहिए। उन्हें देखना चाहिए की स्वास्थ्य व्यवस्था को कितना दुरुस्त करने की ज़रूरत है।

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