आरक्षण की समीक्षा होनी चाहिए ऐसा संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बिहार और दिल्ली विधानसभा चुनाव के वक़्त ये बात कही थी। इसका नतीजा हुआ ये कि दोनों ही राज्यों के चुनाव में BJP को मुंह की खानी पड़ी।

इसके बाद से ज्यादातर वरिष्ठ BJP नेताओं ने आरक्षण के बचाव जैसी बात करनी शुरू कर दी। चुकी अब चुनाव सिर पर इसलिए BJP कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है और आरक्षण पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि ‘आरक्षण मैं क्या कोई भी खत्म नहीं सकता।’

बिहार दौरे पर पहुंचे पीएम मोदी ने कहा कि मैं बिहार को लोगों को बताना चाहता हूं कि वो आरक्षण को लेकर फ़ैल रही अफवाहों पर ध्यान ना दें। चाहे वो मोदी हो या कोई और, कोई भी आरक्षण को हटा नहीं सकता है।

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पीएम मोदी के इस बयान पर दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री और विधायक राजेंद्र पाल गौतम ने सोशल मीडिया पर लिखा- ‘चित भी मेरी, पट भी मेरी! जनता को गुमराह करने का हुनर तो कोई इन संघियो से सीखे। लेकिन जनता अब इनके झांसे मे आने वाली नहीं और जल्द इनके बाहर जाने का रास्ता तय करेगी।’

बता दें कि बीजेपी पर कथित ऊंची जातियों की पार्टी होने का आरोप लगता रहा है। 2014 में सत्ता मिलने के बाद से बीजेपी ने कई ऐसे कदम उठाए जिसे दलित-आदिवासी विरोधी कहा गया। EWC के नाम पर दिए जाने वाला 10 प्रतिशत सवर्ण आरक्षण भी इसी श्रेणी में आता है।

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