लोकसभा चुनाव में हारने वाले दल मंथन में लगे है। जहां कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अध्यक्ष पद छोड़ने की मांग कर रहें है। वही जेडीएस और समाजवादी पार्टी ने टीवी डिबेट में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया। समाजवादी पार्टी ने तो अपने सभी प्रवक्ताओं को अगली नोटिस तक हटा दिया।
अब कांग्रेस भी विपक्षी दलों के फैसले से सहमत होते हुए टीवी डिबेट में अपने प्रवक्ताओं को भेजने से मना कर दिया है। गनीमत ये है कांग्रेस ने ऐसा सिर्फ एक महीने के लिए किया है। मगर जेडीएस और सपा ने तो तो टीवी डिबेट में जाने से ही इनकार कर दिया।
कांग्रेस महाराष्ट्र के नेता और प्रवक्ता की भूमिका में नज़र आने वाले संजय निरुपम ने सोशल मीडिया पर इस फैसले से सहमत नज़र आए।
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निरुपम ने सोशल मीडिया पर लिखा- यह बेहतरीन फ़ैसला है। जब ज़्यादातर टीवी एंकर्स बीजेपी के प्रवक्ता बन गए हैं और टीवी डिबेट्स एकतरफ़ा होने लगे हैं, तब इनका बहिष्कार करना सही है। यह फ़ैसला एक महीने के लिए नहीं हमेशा के लिए होना चाहिए। प्रवक्ता बयान दें, इंटरव्यू दें और प्रेस कांन्फ्रेंस करें।
यह बेहतरीन फ़ैसला है।
जब ज़्यादातर टीवी एंकर्स बीजेपी के प्रवक्ता बन गए हैं और टीवी डिबेट्स एकतरफ़ा होने लगे हैं, तब इनका बहिष्कार करना सही है।
यह फ़ैसला एक महीने के लिए हमेशा के लिए होना चाहिए।
प्रवक्ता बयान दें,इंटरव्यू दें और प्रेस कांन्फ्रेंस करें। https://t.co/Gi7UKN2lPP— Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) May 30, 2019
अब संजय निरुपम जो कह रहें है वो मुमकिन हो पायेगा ये आने वाले वक़्त में ही पता लगेगा। मगर एक बात तो साफ़ है की एकपक्षीय नजरिया पेश करने वाली गोदी मीडिया के साथ ऐसा करना ठीक भी है या नहीं, ये तो वही जाने। मगर टीवी डिबेट जो न्यूज़ चैनलों पर आती है उसका बैन होना ज़रूरी है।