कांग्रेस अब महीने भर तक अपने प्रवक्ता टीवी डिबेट में नहीं भेजेगी। लगभग सर्कस बन चुके टीवी डिबेट में आजकल दौड़ भाग चिल्ला चिल्ली सब हो रही है। मगर मुद्दे गायब है मुद्दों के नाम पर राहुल चले धर्म की रहा, मोदी जीता तुझको मिर्ची लगे तो मैं क्या करूँ। अब जब इन जैसे मुद्दों पर बहस होगी तो विपक्ष की आवाज जनता तक पहुंचेगी कैसे?
कांग्रेस की प्रवक्ता पंखुड़ी पाठक ने अपनी पार्टी के इस फैसले को सही ठहराया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- मैं कांग्रेस के अपने प्रवक्ताओं को मीडिया पर ना भेजने के निर्णय का समर्थन करती हूँ।
सपा-JDS के बाद अब कांग्रेस ने गोदी मीडिया को किया वणक्कम, TV डिबेट में जाने से किया इंकार
सत्ताधारी भाजपा के हाथ में आज सबसे बड़ा हथियार मीडिया ही है। पिछले 5 साल में पत्रकारिता की हत्या की जा चुकी है। मीडिया बस मोदी / भाजपा के मार्केटिंग व अजेंडा सेट करने का माध्यम बन चुकी है।
मैं @INCIndia के अपने प्रवक्ताओं को मीडिया पर ना भेजने के निर्णय का समर्थन करती हूँ ।
सत्ताधारी भाजपा के हाथ में आज सबसे बड़ा हथियार मीडिया ही है ।
पिछले 5 साल में पत्रकारिता की हत्ता की जा चुकी है ।
मीडिया बस मोदी / भाजपा के marketing व अजेंडा सेट करने का माध्यम बन चुकी है।— Pankhuri Pathak پنکھڑی (@pankhuripathak) May 30, 2019
ये सच है की विपक्षी दलों की बातें टीवी डिबेट में सुनी कम जाती है। कई बार तो डिबेट में हाथा-पाई की नौबत आ जाती है। पढ़े लिखे प्रवक्ता अब पन्नो के सहारे नहीं हाथ पैर के सहारों से बात करते हुए देखे गए है। वो कभी एंकर पर पानी फेकते है तो कभी लगातार चिल्लाते रहते है।
वाद-विवाद लोकतंत्र को मजबूत करता है मगर जब न्यूज़ चैनल ही टीवी पर होने बहसों को सर्कस और मनोरंजन में बदल दें। दौड़ने लगे भागने लगे तो ‘गोदी मीडिया’ को किया वणक्कम करने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचता है।