सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को झटका देते हुए कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने ईडी की ओर से दायर उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें दिल्ली हाई कोर्ट से कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में डीके शिवकुमार को मिली ज़मानत को चैलेंज किया गया था।

23 अक्तूबर को दिल्ली हाई कोर्ट ने 25 लाख रुपये के निजी मुचलके पर शिवकुमार को मनी लांड्रिंग मामले में जमानत दी थी। वह 25 अक्तूबर तक प्रवर्तन निदेशालय की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद थे। इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने उनकी ज़मानत याचिका को खारिज कर दिया था।

सुनवाई के दौरान जस्टिस नरीमन ने ईडी को फटकार लगाते हुए कहा कि ‘ईडी अपने अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को पढ़ने के लिए कहे’। कोर्ट ने कहा कि हमारे फैसलों को हल्के में नहीं लिया जा सकता।

कोर्ट ने ईडी से कहा कि आप डीके शिवकुमार केस में पी चिदंबरम की दलील पेश कर रहे हैं, जो कि कॉपी-पेस्ट है और इसमें बदलाव भी नहीं किया गया है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने डीके शिवकुमार की याचिका पर ईडी को नोटिस दिया कि वह उनके खिलाफ एफआईआर को खारिज करें।

दरअसल मोदी सरकार में देश की तमाम बड़ी जाँच एजेंसियों सवालों के घेरे में रही हैं। विपक्ष आरोप लगाता रहा है कि सीबीआई और ईडी जैसी एजेंसियां का इस्तेमाल विपक्ष के नेताओं को फंसाने के लिए किया जा रहा है।

बता दें की डीके शिवकुमार को ईडी ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 3 सितंबर को गिरफ्तार किया था। ईडी ने उन्हें रिमांड पर लेकर कई दिनों तक पूछताछ की थी। उसके बाद शिवकुमार को 23 अक्टूबर को दिल्ली हाई कोर्ट से ज़मानत मिल गयी थी। जिसपर आपत्ति जताते हुए ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।

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