बिहार में कई घरों के चिराग बुझ गए। चमकी बुखार के चलते 100 से ज्यादा मासूमों की मौत हो चुकी है। पिछले 8 सालों में इस बीमारी (एईएस) ने 1134 बच्चों को शिकार बनाया है जिनमें से 344 बच्चों को जान गवानी पड़ी है। इस बार सिर्फ मुज़फ़्फ़रपुर में इंसेफ़लाइटिस बुखार के चलते 80 मासूमों ने दम तोड़ दिया है।
ऐसे में सवाल उठता है कि ‘बिहार में बहार है’ कहने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहाँ है? इस बारे में उनके मंत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा की हम सब मुख्यमंत्री के संज्ञान में है इस वक़्त ज़रूरी है मरीजों को देखना और उनका इलाज करना है।
Shyam Rajak, Bihar Minister when asked if CM Nitish Kumar will visit SKMCH, Muzaffarpur where more than 80 patients have died due to Acute Encephalitis Syndrome (AES): Everything is being monitored by CM. What is important? Monitoring & treating the patients or him visiting here? pic.twitter.com/zdF1W0JHy6
— ANI (@ANI) June 17, 2019
इस मामले पर बिहार के पूर्व स्वास्थ मंत्री तेज प्रताप यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा- सुशासन बाबू, माना कि ये 5-10 वर्ष के मासूम बच्चे किसी दल के वोटर नहीं हैं लेकिन क्या इन सैकड़ो मासूमों की जान आपके सुशासन की जिम्मेदारी नहीं हैं ? नीतीश बाबू हम राजनीति बाद में कर लेंगे अभी इन मासूमों की जिंदगी ज्यादा जरूरी है। कुछ भी कीजिए इन बच्चों को बचा लीजिए।
सुशासन बाबू, माना कि ये 5-10 वर्ष के मासूम बच्चे किसी दल के वोटर नहीं हैं लेकिन क्या इन सैकड़ो मासूमों की जान आपके सुशासन की जिम्मेदारी नहीं हैं ? नीतीश बाबू हम राजनीति बाद में कर लेंगे अभी इन मासूमों की जिंदगी ज्यादा जरूरी है. कुछ भी कीजिए इन बच्चों को बचा लीजिए… pic.twitter.com/qKgE5aAUvz
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) June 16, 2019
बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने रविवार को बिहार के मुजफ्फरपुर जिले का दौरा किया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक बच्ची की मौत स्वास्थ्य मंत्री की मौजूदगी में ही हो गई थी। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि रविवार को भी सात बच्चों की मौत हो गई।