वित्तीय मामलों में हमेशा से संदिग्ध रही मोदी सरकार के खिलाफ CAG की रिपोर्ट ने बड़ा खुलासा किया है। जिसके मुताबिक 4 लाख करोड़ से ज्यादा राशि को बजट के बाहर खर्च किया गया है, इस खर्च और कर्ज को छुपाया गया।
एनडीटीवी पर छपी खबर के अनुसार, हिसाब-किताब में हेर-फेर के लिए सीएजी ने मोदी सरकार को फटकार लगाई है।
गौरतलब है कि खाद्यान्न और उर्वरकों पर सब्सिडी, सिंचाई, ऊर्जा परियोजनाओं सहित तमाम पूंजीगत खर्चों को पूरा करने के लिए मोदी सरकार ने बजट से बाहर जाकर दूसरे माध्यमों से पैसे की व्यवस्था की है, जिससे बजट के लेखे जोखे में उधारी ना दिखे। इसके लिए उपभोक्ता, रेल और ऊर्जा मंत्रालय में खासतौर से आफ बजट फाइनेंसिंग सिस्टम को अपनाया गया।
साभार- NDTV
कैग का कहना है कि इस तरह के खर्च और उधारियों का जिक्र बजट में होना चाहिए, यही तरीका है। क्योंकि ऑफ बजट फाइनेंसिंग से जुड़े खर्च संसद के नियंत्रण के बाहर होते हैं, जिस पर चर्चा और समीक्षा नहीं होती। इसलिए इसका प्रोविजन करना ठीक नहीं है।
ये सब करके मोदी सरकार राजकोषीय घाटे में आई कमी को दिखाने से बच रही थी लेकिन ‘ऑफ बजट फाइनेंस’ की इस तरकीब को सीएजी ने गलत बताया है।