बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है।
जहाँ एनडीए इस बार फिर नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री उम्मीदवार बना रही है। वहीँ महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाया है। ये विधानसभा चुनाव इस बार एनडीए के लिए साख बचाने का सवाल बन सकता है।
महागठबंधन की तरफ से सीएम पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
उनका कहना है कि मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए नीतीश कुमार बिहार को संभाल नहीं पा रहे हैं। इस पर उन्होंने खुद भी मुहर लगाई है।
नीतीश कुमार ने कई जनसभाओं में साफ तौर पर यह कहा है कि हम कोशिश कर चुके हैं। लेकिन नौकरियां नहीं दी जा सकती हैं। न ही बिहार में कारखाने लगाए जा सकते हैं।
नीतीश कुमार के हाथ में कुछ भी नहीं है वह जनता की परेशानियों को सुलझाने की जगह जनता को ही दबाने का काम कर रहे हैं।
इस दौरान तेजस्वी यादव ने बिहार के युवाओं को 10 लाख नौकरियां देने का वादा किया है। तेजस्वी यादव का कहना है कि सत्ता के नशे में चूर होकर लोगों को समस्याएं देखना भूल चुके हैं। बिहार की जनता अगर मुझे मौका देगी तो मैं राज्य में रोजगार जरूर दूंगा।
नीतीश कुमार के डबल इंजन वाली सरकार फेल हो चुकी है। हर तरफ भ्रष्टाचार फैला हुआ है। बिना रिश्वत दिए हुए सरकारी दफ्तरों में कोई काम नहीं हो रहा। 15 सालों में नीतीश कुमार ने गरीबी, बेरोजगारी, भुखमरी नहीं मिटाई।
वहीँ जब कोरोना महामारी के वक्त मजदूर मुसीबत में फंसे हुए थे तो मुख्यमंत्री ने उनसे भी मुंह फेरने का काम किया।
गौरतलब है कि बिहार में चुनाव प्रचार के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। एनडीए की सहयोगी पार्टी लोजपा ने भी अपने रास्ते अलग कर लिए हैं। जिसकी वजह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जदयू को ही माना जा रहा है।