बिहार के छपरा से कुछ दिनों पूर्व एक बेहद सनसनीखेज खबर आई थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री और स्थानीय भाजपा सांसद राजीव प्रताप रुड़ी के ठिकानों में छिपा कर रखी गई 40 एंबुलेंस का पूर्व सांसद पप्पू यादव ने खुलासा किया था।
इस मामले को लेकर भाजपा सांसद की काफी आलोचना हो रही है। जिस दौर में लोग एंबुलेंस के अभाव में मर रहे हैं, वैसे मुश्किल वक्त में उन्होंने अपने कार्यालय में 40 एंबुलेंस छिपा कर रखा है।
अब इस पर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
तेजस्वी यादव ने कहा है कि यह बात हैरान करने वाली है कि सांसद राजीव प्रताप रुड़ी ने अपने कार्यालय में इतनी बड़ी मात्रा में एंबुलेंस को इस तरह से पार्क करके रखा हुआ था जैसे की यह उनकी निजी संपत्ति हो।
एमपी लैड के नियमों की बात करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के दिशानिर्देशों में स्पष्ट रुप से कहा गया है कि सांसद मद से खरीदे गए एंबुलेंस पर जिला प्रशासन या जिले के प्रमुख स्वास्थ्य अधिकारी का मालिकाना हक होता है।
नेता प्रतिपक्ष ने सांसद राजीव प्रताप रुड़ी पर कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि ऐसे मुश्किल वक्त में जब तमाम जिंदगियां एंबुलेंस की कमी की वजह से दम तोड़ रही है,
गरीब अपने कंधे पर और साइकिलों पर मरीजों और लाशों को ढोने के लिए मजबूर हैं तो सांसद महोदय के यहां एंबुलेंस धूल फांक रही हैं।
यह न सिर्फ एमपी लैड के नियमों की अवहेलना है बल्कि यह एक आपराधिक कृत्य है. इसके लिए सरकार को सांसद पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
मालूम हो कि भाजपा सांसद के घर से एंबुलेंस मिलने के बाद बिहार की सियासत गर्म है। सांसद रुड़ी ने अपना बचाव करते हुए कहा था कि एंबुलेंस के न चलने की वजह ड्राइवरों की कमी बताइ थी।
इसके बाद पूर्व सांसद पप्पू यादव ने 40 ड्राइवरों को साथ लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर दिया और सरकार से मांग की कि इन ड्राइवर्स को एंबुलेंस चलाने की नौकरी दी जाए।
ये लोग काम करने को तैयार हैं। इसके बाद सरकार और सांसद का कोई पक्ष सामने नहीं आया।