जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में फीस बढ़ौतरी के ख़िलाफ छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। वह चुनी हुई सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि फीस को न बढ़ाया जाए ताकि यूनिवर्सिटी में ग़रीब-किसान के बच्चे भी अच्छी शिक्षा पा सकें। लेकिन सरकार उनकी इस गुहार को सुनने के बजाए उनकी आवाज़ को दबाने में लगी है।

सरकार के इसी रवैये को लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्विटर के ज़रिए कहा, “ग़रीबी, बेरोज़गारी, आर्थिक मंदी से लड़ने के लिए बनी सरकार अपनी ही एक यूनिवर्सिटी से लड़ रही है। अच्छे दिन…!!” 

दरअसल, बीते कल फीस बढ़ौतरी के ख़िलाफ जेएनयू छात्रों ने शांति मार्च निकाला था। ये मार्च विश्वविद्यालय से लेकर संसद तक किया जाना था। लेकिन सुबह जैसे ही छात्र विश्वविद्यालय से मार्च पर निकले पुलिस ने उन्हें बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया।

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जिसके बाद छात्रों ने इसका विरोध किया। छात्रों के इस शांतिपूर्ण विरोध का पुलिस ने हिंसात्मक जवाब दिया। पुलिस ने छात्रों पर बेरहमी से लाठियां भांज दीं। पुलिस छात्रों को अपराधियों की तरह दौड़ा-दौड़ा कर पीटने लगी। पुलिस की इस पिटाई में कई छात्रों को इतनी गंभीर चोटें आईं कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए आज केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने जेएनयू छात्र प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की है। इस मुलाकात में केंद्रीय मंत्री ने छात्रों को आश्वासन दिया है कि उनकी मांगों के मद्देनज़र फीस वृद्धि के फैसले को वापस लिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री के आश्वासन के बाद छात्रों ने फिलहाल प्रदर्शन ख़त्म कर दिया है।

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