जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में फीस बढ़ौतरी के मुद्दे को लेकर कन्हैया कुमार ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सरकार के फीस वृद्धी के फैसले से यूनिवर्सिटी के तकरीबन 40 फीसदी गरीब छात्र नहीं पढ़ पाएंगे। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या सरकार गरीब-किसान के बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दे सकती?

इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में कन्हैया ने कहा कि जेएनयू के ख़िलाफ़ साज़िश की जा रही है। उन्होंने कहा, “जेएनयू को लेकर एक माहौल बनाया जा रहा है कि इसके छात्र बिना वजह विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, राजनीति कर रहे हैं जो कि सरासर झूठ है”।

उन्होंने कहा, “जेएनयू में जिस तरह से फीस वृद्धि की गई है उससे 100 में से 40 फीसदी छात्र पढ़ाई नहीं कर पाएंगे। ये 40 फीसदी छात्र ऐसे हैं जिनके परिवार की मासिक आमदनी 12 हजार रुपये है। फीस वृद्धि अगर लागू की जाती है तो जेएनयू देश की सबसे महंगी सेंट्रल यूनिवर्सिटी हो जाएगी। फिर जो छात्र गरीब-किसान परिवार से आते हैं, वे पढ़ाई नहीं कर पाएंगे। जेएनयू के छात्र इसी के ख़िलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं”।

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इसके साथ ही कन्हैया ने फीस वृद्धि वापस लिए जाने की बात को भी झूठ बताया। उन्होंने कहा कि फीस वृद्धि वापस नहीं ली गई है। यह सरासर झूठ है क्योंकि इसमें मामूली फेरबदल कर इसे हूबहू लागू कर दिया गया है।

इंटरव्यू में जब कन्हैया से छात्रों को सब्सिडी दिए जाने पर सवाल किया गया तो उन्होंने इसका करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि सांसदों के खाने से लेकर रहने तक पर सब्सिडी है। उन्होंने कहा कि आप कहते हैं कि जेएनयू में छात्र टैक्सपेयर्स के पैसे से पढ़ रहे हैं तो ये बताईये टैक्सपेयर्स के पैसे से 3 हजार करोड़ की मूर्ति बनाया जाना और टैक्सपेयर्स के पैसे से मुख्यमंत्री के लिए प्राइवेट जेट खरीदा जाना सही है?

इस दौरान कन्हैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएम कहते हैं कि हम पांच ट्रिलियन की इकोनॉमी बनाने जा रहे हैं, तो क्या देश में 5 हजार छात्रों को अच्छी शिक्षा नहीं दी जा सकती?

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उन्होंने आगे कहा कि जेएनयू की जहां तक बात है तो किसी भी छात्र को खैरात में कुछ नहीं दिया जा रहा है। ऑल इंडिया लेवल पर परीक्षा पास कर लोग जेएनयू में एडमिशन लेते हैं। देश की स्थिति ये है कि मात्र 3 परसेंट लोग हायर एजुकेशन में आते हैं, 1 परसेंट से भी कम लोग रिसर्च प्रोग्राम में शामिल हो पाते हैं। इसलिए यह बोलना कि रिसर्च में पैसा बरबाद किया जा रहा है, यह अपने आप में बहुत हास्यास्पद है।

कन्हैया ने कहा कि किसी भी देश को बेहतर बनाने के लिए अच्छे रिसर्च की ज़रूरत होती है। जेएनयू एकमात्र यूनिवर्सिटी है जो सोशल साइंस में अच्छी रिसर्च प्रोड्यूस करती है।

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