उत्तर प्रदेश में रविवार को समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) की सहारनपुर के देवबंद में संयुक्त रैली हुई। एकजुट महागठबंधन के रूप में पहली रैली करते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मोदी और योगी पर जमकर हमला बोला।

इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि, ये चुनाव भाईचारे को बढ़ाने का चुनाव है, नफ़रत को खत्म करने का चुनाव है। भाजपा ने जिस भाईचारे को खत्म किया था उसे जिंदा करना है।

उन्होंने आगे कहा कि, “आगामी लोकसभा चुनाव इतिहास बनाने का चुनाव है। यहाँ ऐसे भी नेता आए होंगे जो नफ़रत के अलावा कुछ नहीं बोले होंगे। पीएम मोदी पहले हमारे बीच में चायवाला बनकर आ गए और हम लोगों को अच्छे दिन, 15 लाख रुपए और करोड़ों नौकरियों का भरोसा दिया। अब मोदी चौकीदार बनकर आए हैं। लेकिन इस बार दलित पिछड़े और अल्पसंख्यक चौकीदार की चौकी छीने लेंगे।”

पीएम मोदी के ‘महामिलावट’ वाले बयान कर अखिलेश ने कहा कि, ‘सराब बोलने वाले लोग सत्ता के नशे में हैं। ये मिलावट का नहीं महापरिवर्तन का गठबंधन है। देश को नई सरकार देने का, नया प्रधानमंत्री देने का गठबंधन है।’

पीएम मोदी द्वारा कुंभ में सफाईकर्मी के पैर धोने पर तंज कसते हुए अखिलेश ने कहा, ‘टीवी पर पैर धोए जा रहे थे और जब पीछे मुड़कर देखा तो दलित भाइयों की नौकरी धो डाली।’

वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि, अगर रैली में आई भीड़ की जानकारी पीएम मोदी को मिलेगी तो वो पगला जाएंगे और अगली बार ‘शराब’ के साथ-साथ और न जाने क्या-क्या कहेंगे।


उन्होंने आगे कहा, यह तय है कि अब यूपी से भाजपा जा रही है और महागठबंधन आ रहा है, बशर्ते वोटिंग मशीनों से छेड़छाड़ न हो। इस बार चौकीदार का नाटक भी नहीं बचा पाएगा। चाहे कितनी भी ताकत बीजेपी लगा ले।

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