रविवार को सपा, बसपा और आरएलडी ने सहारनपुर के देवबंद में एक साझा रैली की। सबसे पहले रैली को बसपा सुप्रीमो मायावती ने संबोधित किया। इस महारैली में बसपा प्रमुख मायावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस को भी आड़े हाथों लिया।

इस दौरान बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि, “अगर रैली में आई भीड़ की जानकारी पीएम मोदी को मिलेगी तो वो पगला जाएंगे और अगली बार ‘शराब’ के साथ-साथ और न जाने क्या-क्या कहेंगे।” उन्होंने आगे कहा, “यह तय है कि अब यूपी से भाजपा जा रही है और महागठबंधन आ रहा है, बशर्ते वोटिंग मशीनों से छेड़छाड़ न हो। इस बार चौकीदार का नाटक भी नहीं बचा पाएगा। चाहे कितनी भी ताकत बीजेपी लगा ले।”

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आगे कहा कि, “लोगों को अच्छे दिन दिखाने का प्रलोभन दिया गया था, लेकिन एक चौथाई वादे भी पूरे नहीं किए गए। इस बार तमाम हथकंडे अपनाकर गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। चुनाव घोषित होने के दिन उद्घाटन किया।”

उन्होंने आगे कहा कि, “हमें मौका मिला तो किसानों का कोई बकाया नहीं रहेगा। दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों का आरक्षण को कोटा अधूरा पड़ा है, इसके लिए बीजेपी-कांग्रेस जिम्मेदार है। पीएम मोदी का ज्यादा समय अपने पूंजीपति दोस्तों को बचाने में गया। उन्हीं की चौकीदारी करते रहे। उन्हें ही मालामाल करते रहे। देश के किसान इस सरकार में शुरू से ही दुखी हैं।”

वहीं, अखिलेश यादव ने कहा कि, ये चुनाव भाईचारे को बढ़ाने का चुनाव है, नफ़रत को खत्म करने का चुनाव है। भाजपा ने जिस भाईचारे को खत्म किया था उसे जिंदा करना है।”

उन्होंने आगे कहा कि, “आगामी लोकसभा चुनाव इतिहास बनाने का चुनाव है। सहारनपुर में बीते दिनों बीजेपी की रैली पर अखिलेश ने कहा कि, यहाँ ऐसे भी नेता आए होंगे जो नफ़रत के अलावा कुछ नहीं बोले होंगे। पीएम मोदी पहले हमारे बीच में चायवाला बनकर आ गए और हम लोगों ने अच्छे दी, 15 लाख रुपए और करोड़ों नौकिरयों का भरोसा कर लिया। इस बार चौकीदार बनकर आए हैं। दलित पिछड़े और अल्पसंख्यक चौकीदार की चौकी छीनेंगे।”

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