आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा का लाभ लेने वालों की संख्या 20 लाख के पार कर चुकी है। फिर भी इस योजना पर राजनीति जारी है। पहले जहां दिल्ली सरकार और पश्चिम बंगाल में इस योजना पर अपनी सरकार में रोक लगाई हुई है। क्योंकि दोनों ही राज्यों में बीजेपी की सरकार नहीं है, मगर अब डॉक्टर भी इसके आलोचना करने लगे है।
दरअसल बीते शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को कुछ ऐसे ही गुस्से का सामना करना पड़ा। जब वो इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में आयुष्मान योजना की तारीफ कर रही थी। महाजन की बात सुनते ही डॉक्टर भड़क उठे और उनका अपमान करते हुए उनके हाथ माइक छीन लिया।
इस योजना पर बोलने के लिए ग्रेटर कैलाश अस्पताल के डॉ केएल बंडी मंच पर पहुंचे। उन्होंने जो कहा वो उसे सुन लोग हैरान रह गए। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को बदनाम करने में कसर नहीं छोड़ी जा रही।
डॉक्टर बंडी ने कहा कि जिस आयुष्मान योजना का गुणगाण किया जा रहा है। उससे होने वाले दिक्कतों को नहीं बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान सहित अन्य योजनाओं में अस्पतालों में गरीब मरीजों का इलाज कराते हैं, लेकिन पैसा सालों तक नहीं दिया जाता। वहीं अगर हम इनकम टैक्स भरने में देरी कर दें तो 6 फीसदी अधिक वसूली जाती है, यही नियम हमारे रोके गए पैसे पर लागू क्यों नहीं किया जाता?
इसपर जवाब देते हुए सुमित्रा महाजन ने कहा कि मेरे पास कई मरीज आते हैं, जिनके सामान्य ऑपरेशन के लिए तीन से चार लाख रुपए वसूले जाते हैं।
इतना कहने की देरी थी डॉक्टर बंडी फिर भड़क उठे उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष को टोकते हुए कहा कि आप गलत बात कह रही हैं। आप मुझे एक बिल बताएं, जिसमें अस्पताल ने एवरेज बिल तीन से चार लाख का दिया हो, मैं डॉक्टरी छोड़ दूंगा।
उन्होंने कहा कि आज टॉपर्स इस पेशे में नहीं आना चाहते, मेरे खुद के दो ग्रेंड चिल्ड्रन हैं। उन्होंने डॉक्टर बनने से इनकार कर दिया है। इस पेशे का सत्यानाश हुआ है और इसमें सरकार का बहुत बड़ा योगदान है। सरकार हमें पीछे कर रही है। कम से कम हमारे पेशे को तो इज्जत बख्शो।
डॉक्टर बंडी ने कहा कि योजनाओं का पैसा सरकार हमें समय पर नहीं देती। अस्पताल से काम करवा लेती है लेकिन पैसा बरसों नहीं आता। कारण आपको भी पता है कि सरकारी अफसरों को कुछ चाहिए। इसलिए आप ऐसा कानून लाएं कि यदि रिफंड समय पर नहीं होता तो छह प्रतिशत ब्याज से पैसा दिया जाएगा।