मेरे सामने किसी ने हैदराबाद और गुजरात की वोटिंग मशीनें रखीं और मुझसे बटन दबाने को कहा गया। मैंने अपनी पार्टी के चुनाव चिह्न घड़ी के सामने वाला बटन दबाया, लेकिन वोट बीजेपी के चुनाव चिह्न कमल पर गया। यह मैंने अपनी आंखों से देखा है।’ ये बयान किसी और का नहीं बल्कि पूर्व कृषि मंत्री और महाराष्ट्र पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार का है।

दरअसल शरद पवार ने सीधे सीधे EVM पर शक ज़ाहिर किया है। उनका ये कहना कि उन्होंने वोट तो अपनी पार्टी यानी की चुनाव चिह्न घड़ी पर बटन दबाया था, मगर वोट बीजेपी को चला गया। ऐसा नहीं है की ये कोई पहला मामला हो जिसमें इस तरह की बात निकलकर सामने आई हो।

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इससे पहले भी देश के कई अलग हिस्सों में इस तरह की खबर आती रही है, वोट किसी को भी दो जाता बीजेपी को ही है। हालाकिं चुनाव आयोग इस बात से इनकार करता रहा है कि EVM में इस तरह की अगर गड़बड़ होती है तो उसे फ़ौरन बदल दिया जाता है।

अब शरद पवार ने इस बारें में कहा कि मेरा स्वयं का अनुभव है, इसलिए EVM के बारे में चिंता व्यक्त कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि हो सकता है, सभी मशीनों में ऐसा न होता हो, लेकिन जो मैंने देखा वह चिंताजनक और खतरनाक है।

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इसीलिए हम न्याय मांगने कोर्ट गए, लेकिन दुर्भाग्य से कोर्ट ने हमारी बात नहीं सुनी। हमने अदालत से 50 प्रतिशत वीवीपैट मशीनों की पेपर स्लिप की गिनती करने की मांग की थी। पवार ने कहा कि इस चुनाव से पहले तक वोटिंग की सभी वीवीपैट स्लिपों की गिनती होती थी। पहले की स्लिप आकार में भी बड़ी थीं।

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