महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर से साफ़ कर दिया है कि वो सूबे में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) लागू नहीं होने देंगे। हालांकि उन्होंने संशोधित नागरिकता कानून (CAA) का विरोध नहीं किया है।
सिवसेना के मुखपत्र सामना को दिए इंटरव्यू में उद्धव ने कहा कि वो NRC और NPR का विरोध इसलिए कर रहे हैं क्योंकि इससे न सिर्फ मुसलमानों को बल्कि हिंदुओं को भी अपनी नागरिकता साबित करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
पार्टी नेता और सामना के संपादक संजय राउत को दिए इंटरव्यू में उन्होंने ये भी बताया कि वह CAA का विरोध नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के तहत किसी को भी देश से बाहर नहीं निकाला जा सकता। ये लोगों को नागरिकता देने का कानून है, इसलिए वह इसका विरोध नहीं करेंगे।
बता दें कि इससे पहले नागरिकता संशोधिन बिल (CAB) को राज्यसभा से पारित कराने में शिवसेना ने बीजेपी की मदद की थी। संशोधित नागरिकता कानून को लेकर शिवसेना का स्टैंड बिल्कुल साफ है। उसे नागरिकता दिए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है।
शिवसेना भले ही CAA के समर्थन में हो लेकिन उसकी सहयोगी पार्टी कांग्रेस और एनसीपी CAA का मुखर होकर विरोध कर रही है। ऐसे में गठबंधन पार्टियों का CAA को लेकर क्या तालमेल बनता है ये देखना दिलचस्प होगा। ग़ौरतलब है कि CAA के विरोध में दिल्ली के शाहीनबाग़ की तर्ज़ पर मुंबई में भी कई जगहों पर प्रदर्शन हो रहे हैं।