निकाय चुनाव, उपचुनावों के नतीजों से लोकसभा चुनाव के परिणाम इतने अलग कैसे हो गए? ये सवाल अब कर्नाटक में हुए निकाय चुनाव से उठने लगे है। लोकसभा चुनाव के नतीजों के ठीक एक हफ्ते के बाद आए इन निकाय चुनावों के नतीजों ने कांग्रेसियों में जान फूंक दी है।

कर्नाटक के राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार 56 शहरी स्थानीय निकायों में कुल 1,221 वार्डों में से कांग्रेस ने 509 वार्डों में जीत हासिल की जबकि भाजपा को 366 स्थानों पर जीत मिली। अब सवाल उठता है की आखिर हफ्ते भर के अंदर वोटरों का दिमाग ऐसे कैसे बादल गया?

कर्नाटक निकाय चुनाव में कांग्रेस आगे, बघेल बोले- अगर लोकसभा चुनाव भी निष्पक्ष होता तो नतीजे यही होते

कांग्रेस जिसने लोकसभा चुनावों में लगभग पिछली बार जैसे प्रदर्शन किया। उसके खाते में इतनी बड़ी जीत मिल जाएगी। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार दिलीप सी मंडल ने भी निकाय चुनाव में आए नतीजों का सीधा तार ईवीएम से जोड़ दिया।

मंडल ने सोशल मीडिया पर लिखा- जिस कर्नाटक में ईवीएम से हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी की लहर थी, वहाँ पेपर बैलेट से हुए स्थानीय निकाय चुनाव के आज आए नतीजे ये रहे।

अकेले चुनाव लड़ने वाली जद-एस को 174 वार्डों में जीत मिली। 160 वार्डों में निर्दलीय उम्मीदवार विजयी हुए जबकि बसपा को तीन, माकपा को दो और अन्य दलों को सात सीटें मिलीं है।

कर्नाटक निकाय चुनाव में कांग्रेस-JDS ने मारी बाज़ी, संजय बोले- एक हफ्ते में वोटर इतना बदल गया, कैसे?

सात नगर परिषदों के 217 वार्डों, 30 नगरपालिका परिषदों के 714 वार्डों और 19 नगर पंचायतों के 290 वार्डों के परिणाम घोषित किए गए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here