चुनाव के नतीजे भले ही आ चुके हो मगर नतीजों पर लगातार सवाल उठ रहें है। जहां बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पहले ही नतीजों पर सवाल उठा चुके है, वहीं अब कर्नाटक निकाय चुनाव के नतीजे चौकाने वाले हैं। जिस तरह के नतीजे सामने आ रहे हैं उन्हें देखकर यकीन करना मुश्किल है की ये नतीजे बीजेपी से कम कांग्रेस के ज्यादा पक्ष में है।

दरअसल कर्नाटक के राज्य चुनाव आयोग के मुताबिक, 29 मई को 63 शहरी निकाय चुनाव कराए गए, जिनके नतीजे आज 31 मई को घोषित हुए। शुरूआती रुझान जो आ रहे हैं उसे देख यकीन कर पाना मुश्किल है।

कांग्रेस और जनता द्ल (जेडीएस) के गठबंधन को कर्नाटक निकाय चुनावों में बढ़त मिली है। कर्नाटक निकाय चुनावों में कांग्रेस और जद (एस) के गठबंधन ने शहर नगर परिषदों में 8 में से 5 ​​शहर नगर परिषदों में 33 में से 21 और तालुक पंचायतों में 22 में से 9 पंचायतों में जीत हासिल की है।

कांग्रेस ने कुल 485 वार्डों में जीत हासिल की है जबकि बीजेपी 358, जनता दल 152 और स्वतंत्र ने 152 वार्ड जीता है। जबकि 200 वार्डों के रिजल्ट अभी आने बाकी है।

संजय निरुपम ने सोशल मीडिया पर लिखा- लोकसभा चुनावों में कर्नाटक में कॉंग्रेस बुरी तरह हारी। जेडीएस का भी सफाया हो गया। हफ्ते भर बाद वहां स्थानीय निकायों के चुनाव हुए। नतीजे आज आए हैं। कांग्रेस एक नंबर पर। जेडीएस अकेले लड़ी थी। दोनों की सीटें मिला दें तो बीजेपी बहुत पीछे है। एक हफ्ते में वोटर इतना बदल गया? जरा सोचिए।

बता दें कि कांग्रेस को लोकसभा चुनाव 2019 में बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस के 8 पूर्व मुख्यमंत्री चुनावों में हार गए हैं। जबकि 17 राज्यों में कांग्रेस का खाता नहीं खुला है।

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