नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री के तौर पर अपने दूसरे कार्यकाल की शपथ ले ली है। इस शपथ के साथ ही पीएम मोदी की नई कैबिनेट का विस्तार भी हो गया है। इस कैबिनेट में कुछ नए चेहरे शामिल किए गए हैं। जिनमें पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर का नाम प्रमुख है।
एस जयशंकर को विदेश मंत्रालय की कमान सौंपी गई है। उन्हें यह पद पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के मना करने के बाद दिया गया है। इससे पहले एस जयशंकर 2015 से 2018 तक विदेश सचिव थे। वह चुने हुए नेता नहीं हैं यानी वह लोकसभा या राज्यसभा के सदस्य नहीं हैं। ऐसे में उन्हें विदेश मंत्री बनाए जाने पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
आम आदमी पार्टी की विधायक अलका लांबा ने इस मामले को लेकर बीजेपी पर ज़ोरदार हमला बोला है। उन्होंने ट्विटर के ज़रिए कहा, “देश के मतदाताओं ने 543 निक्कमे चुने की उनमें से कोई भी विदेश मंत्री बनने के लायक़ नही था? जब पार्टियाँ टिकटें और जनता वोट विशेषज्ञों को नही बल्कि दंगाइयों को, आतंकियों को, बलात्कारियों को, हत्यारों को देगी तो मंत्री तो बाहर (ना लोकसभा-ना राज्यसभा का सदस्य) से ही बनाना पड़ेगा ना”।
देश के मतदाताओं ने 543 निक्कमे चुने की उनमें से कोई भी #विदेशमंत्री बनने के लायक़ नही था ?
जब पार्टियाँ टिकटें और जनता वोट विशेषज्ञों को नही बल्कि दंगाइयों को,आतंकियों को,बलात्कारियों को , हत्यारों को देगी तो मंत्री तो बाहर(ना लोकसभा-ना राज्यसभा का सदस्य)से ही बनाना पड़ेगा ना।— Alka Lamba (@LambaAlka) June 1, 2019
बता दें कि एस जयशंकर एक आईएफएस अधिकारी हैं। जो मोदी सरकार में 2015 से 2018 तक विदेश सचिव रह चुके हैं। इस दौरान उन्होंने कई ऐतिहासिक फैसलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जिसके मद्देनज़र उन्हें विदेश मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण विभाग की कमान सौंपी गई है।