लोकसभा चुनाव और मोदी सरकार-2 के गठन के बाद यूपी में एक के बाद एक समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं की दिनदहाड़े हत्या होने लगी है। गौतमबुद्धनगर के दादरी विधानसभा के समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष रमतेग कटारिया को अज्ञात बदमाशों ने 5 गोली मारकर हत्या कर दी।

वहीं जौनपुर के सराय ख्वाजा थाना क्षेत्र के शाहगंज-जौनपुर मार्ग पर शुक्रवार को सपा नेता लालजी यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई। सपा नेता सुबह एक स्कूल के बाहर अपनी कार में बैठकर बात कर रहे थे तभी बदमाशों ने उनपर ताबड़तोड़ फायरिंग कर उनकी हत्या कर दी। लालजी यादव को पांच गोली मारी गई है।

जबकि तीसरी हत्या 25 मई को गाजीपुर में हुई थी। गाजीपुर के जिला पंचायत सदस्य और समाजवादी पार्टी के नेता विजय यादव की घर में घुसकर अज्ञात गुंडों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। एक के बाद एक इन हत्याओं से पूरे यूपी में भय का माहौल बन गया है। जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि यूपी में ‘राम राज्य’ है! क्या यही योगी का राम राज्य है?

पूर्व सपा नेता और अब कांग्रेस की प्रवक्ता पंखुड़ी पाठक ने यूपी में सपा नेताओं की हो रही हत्याओं पर बोलते हुए ट्वीट किया है। पंखुड़ी ने भाजपा नेताओं और मीडिया पर निशाना साधते हुए लालजी यादव की मृत फोटो को शेयर करते हुए कहा कि, “यह लालजी यादव हैं। लेकिन इनकी मौत से क्या फर्क पड़ता है? ये भाजपा के नहीं इसीलिए इनके जीवन का कोई मोल नहीं। इनके लिए ना नेता आएंगे ना मीडिया।”

अब इसे मात्र एक संयोग कहा जाए या फिर एक सोची समझी साजिश लोकसभा चुनाव और मोदी सरकार-2 के गठन के बाद उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं की चुन-चुन कर उनकी हत्या की जा रही है। ये हत्याएं कौन और क्यों करवा रहा हैं ये जाँच का विषय है। लेकिन इतना तो तय है हत्याएं राजनीतिक हैं।

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