pankhuri pathak
Pankhuri Pathak

मोदी सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम कसने में नाकाम नज़र आ रही है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा किए गए ताज़ा सर्वे के मुताबिक, पिछले एक साल में भारत में भ्रष्टाचार बढ़ा है। भारत भ्रष्ट देशों की सूची में दो पायदान फिसलकर 80वें स्थान पर पहुंच गया है। 2018 में वो 78वें पायदान पर था।

निष्पक्ष रूप से वैश्विक स्तर पर भ्रष्टाचार का आंकलन करने वाली संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशन ने दावोस में विश्व आर्थिक मंच की सालाना बैठक के दौरान इस इंडेक्स की रिपोर्ट को जारी किया।

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रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का इंडेक्स में कुल स्कोर 41 रहा और वह 80वें स्थान पर है। 2018 में भी भारत का स्कोर 41 ही था, तब वो इंडेक्स में 78वें स्थान पर था। वहीं 2017 के इंडेक्स में भारत 40 अंक के साथ 81वें स्थान पर था। इससे पहले 2016 में भारत इस इंडेक्स में 79वें स्थान पर था।

इस इंडेक्स में सार्वजनिक क्षेत्र के भ्रष्टाचार के मामलों में 180 देशों को रखा गया था। जिसमें फिनलैंड, सिंगापुर, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, नीदरलैंड, जर्मनी और लक्जमबर्ग टॉप 10 में शामिल रहे। यानी ये सारे देश सबसे ईमानदारी वाले देश हैं।

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वहीं पड़ोसी मुल्कों की बात करें तो पाकिस्तान को इंडेक्स में 120वां स्थान मिला है और बांग्लादेश को महज 26 अंकों के साथ 146वां स्थान।  भारत के साथ-साथ चीन, घाना, बेनिन और मोरक्को का भी स्कोर 41 हैं।

वहीं करप्शन इंडेक्स की इस रिपोर्ट पर कांग्रेस प्रवक्ता पंखुड़ी पाठक ने प्रधानमंत्री मोदी पर हमला करते हुए ट्विटर पर लिखा- ‘अब ये कितना गिरेंगे और कितना भारत को गिरायेंगे’??

बता दे कि अंतरराष्ट्रीय पत्रिका ‘द इकोनॉमिस्ट’ के सालाना ‘डेमोक्रेसी इडेंक्स’ में भी भारत 10 पायदान नीचे आ गया है। भारत को 2019 के लिए इंडेक्स में 51वें स्थान पर रखा गया है। इससे पहले के साल में भारत 41वें स्थान पर था।2019 में भारत का डेमोक्रेसी (Democracy Index) स्कोर 6.9 रहा, जो 13 साल में सबसे कम है। मोदी सरकार के आने से पहले 2014 की बात करें तो भारत का डेमोक्रेसी स्कोर सबसे ज्यादा 7.92 था।

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