sanjay singh
AAP MP Sanjay Singh targets CM Yogi Adityanath

आपने हमेशा सुना होगा कि पुलिस हमारी रक्षा करती है। पुलिस जनता को न्याय दिलाती है, लेकिन हाल के दिनों में यूपी पुलिस का एक नया चेहरा उभरकर सामने आया है, आरोप है यूपी पुलिस की गोलियों से 20 लोगों की मौत हो गई। नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन से शांति भंग होने के अंदेशे को देखते हुए यूपी की फिरोजाबाद पुलिस ने दो सौ लोगों की पहचान करके उन्हें नोटिस भेजा है।

हैरान करने वाली बात यह है कि यूपी पुलिस ने जिन 200 लोगों को शांति फैलाने के लिए नोटिस भेजा है उसमें से एक मृत व्यक्ति भी है। मृतक का नाम बन्ने खां है, जिसकी मौत करीब 6 साल पहले हो चुकी है। पुलिस के नोटिस के मुताबिक 6 साल पहले मर चुके बन्ने खां को सिटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश होना है। वहीं बन्ने खां को 10 लाख रुपये भरकर अपनी जमानत लेनी है।

आपको यूपी पुलिस की करतूत जानकार हैरानी होगी कि इस लिस्ट में 90 साल के शूफी हुसैन का भी नाम शामिल है। इसके अलावा 93 साल के फरासत मीर खां का भी नाम इस लिस्ट में शामिल है। फरासत प्रसिद्द समाजसेवी हैं जो पूर्व राष्ट्रपति और भारत रत्न कलाम से भी मिल चुके हैं।

राज्यसभा सांसद और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ को कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने ट्वीट करके लिखा कि, “वाह गुरु योगी मठ चलाते चलाते पूरे यूपी की मति मार दी, मरे हुए आदमी के नाम नोटिस गजब।”

अब पता नहीं बन्ने खां कब्र से निकलकर सिटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश होंगे या फिर यूपी पुलिस ने इसका भी कोई उपाय सोच रखा होगा? पिछले शुक्रवार को यूपी की योगी सरकार ने पश्चिमी यूपी के ज्यादातर जिलों में इंटरनेट बैन कर दिया था। इसमें फिरोजाबाद में भी नेट बैन था। 20 दिसम्बर को नागरिकता कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के मद्देनजर पुलिस ने 200 लोगों को नोटिस भेजा था।

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