महाराष्ट्र में सरकार बनाने में नाकाम रही बीजेपी अब सूबे को लेकर तल्ख़ तेवर दिखाने लगी है। केंद्र की बीजेपी सरकार ने गणतंत्र दिवस के मौके पर महाराष्ट्र की झांकियों के प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया है। सरकार के इस फैसले पर शिवसेना ने सवाल खड़े किए हैं।
शिवसेना नेता संजय राउत ने ट्विटर के ज़रिए कहा, “महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल की झांकी न दिखना कोई राजनीतिक साजिश है क्या? महाराष्ट्र का चित्ररथ हमेशा देश में आकर्षण का केंद्र रहता है। ज्यादातर बार महाराष्ट्र के रथ को पहला पुरुस्कार भी मिला। लेकिन इस बार महाराष्ट्र के रथ को अनुमति न देकर केंद्र सरकार क्या साबित करना चाहती है। अगर कांग्रेस के राज में ऐसा हुआ होता तो बीजेपी खूब चिल्लाती। लेकिन अब बीजेपी चुप क्यों है?”
महाराष्ट्राचा चित्ररथ राजपथावरील संचलनात नेहमीच देशाचे आकर्षण ठरत आला.अनेकदा पहिल्या क्रमांकाचा पुरस्कार मिळाला. महाराष्ट्राला डावलून केंद्र सरकारला कोणता घोडा पुढे सरकवायचा आहे. हे काँग्रेस राजवटीत घडले असते तर महाराष्ट्र भाजपाने बोंबाबोंब केली असती. आज गप्प का?
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) January 2, 2020
बता दें कि इससे पहले केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल की झांकियों वाली अपील को भी रद्द कर दिया था। जिसको टीएमसी ने राज्य का अपमान बताया है। टीएमसी का कहना है कि मोदी सरकार ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि बंगाल में लगातार नागरिकता कानून का विरोध हो रहा है।
टीएमसी नेता मदन मित्रा ने कहा, “यह बंगाल के लिए नया नहीं है। दिल्ली को बंगाल से डर लगता है। वे दिल्ली में बंगाल की झांकी रद्द कर सकते हैं, बंगाल में NRC और CAA को बंगाल रद्द कर देगा।” हालांकि सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि वक्त की कमी की वजह से सीमित संख्या में झांकियों के प्रस्ताव को मंजूर किया गया है।
कैसे होता है गणतंत्र दिवस पर राज्य की झांकियों का चयन?
दरअसल, गणतंत्र दिवस पर राज्य की झांकियों का चयन केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है। ये चयन कुछ नियमों के तहत होते हैं। नियमों के मुताबिक रक्षा मंत्रालय सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों से झांकियों के प्रस्ताव मांगता है।
इन प्रस्तावों पर एक एक्सपर्ट कमेटी जिसमें कला, संस्कृति, पेंटिंग, मूर्ति कला, संगीत, आर्किटेक्चर और कोरियोग्राफी से जुड़ी हस्तियां शामिल होती हैं, विचार करती है। इन प्रस्तावों को झांकी में शामिल करने की सिफारिश इनकी थीम, कॉन्सेप्ट, डिजाइन और विजुअल इम्पैक्ट के आधार पर की जाती है।