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Acharya Pramod criticised Yogi Govt for selective action on muslims

नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन से शांति भंग होने के अंदेशे को देखते हुए यूपी की फिरोजाबाद पुलिस ने दो सौ लोगों की पहचान करके उन्हें नोटिस भेजा है।

हैरान करने वाली बात यह है कि यूपी पुलिस ने जिन 200 लोगों को शांति फैलाने के लिए नोटिस भेजा है उसमें से एक मृत व्यक्ति भी है। मृतक का नाम बन्ने खां है, जिसकी मौत करीब 6 साल पहले हो चुकी है। पुलिस के नोटिस के मुताबिक 6 साल पहले मर चुके बन्ने खां को सिटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश होना है। वहीं बन्ने खां को 10 लाख रुपये भरकर अपनी जमानत लेनी है।

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आपको यूपी पुलिस की करतूत जानकार हैरानी होगी कि इस लिस्ट में 90 साल के शूफी हुसैन का भी नाम शामिल है। इसके अलावा 93 साल के फरासत मीर खां का भी नाम इस लिस्ट में शामिल है। फरासत प्रसिद्द समाजसेवी हैं जो पूर्व राष्ट्रपति और भारत रत्न कलाम से भी मिल चुके हैं।

इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने लिखा- योगी पुलिस “शर्म” करो परमात्मा से कुछ तो डरो, 98 साल का “बूढ़ा” और 6 साल पहले मर चुके “मुर्दे” भी दंगा करते हैं क्या, मरे हुए लोगों के नाम भी FIR में लिख दिये…..?

अब पता नहीं बन्ने खां कब्र से निकलकर सिटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश होंगे या फिर यूपी पुलिस ने इसका भी कोई उपाय सोच रखा होगा?

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पिछले शुक्रवार को यूपी की योगी सरकार ने पश्चिमी यूपी के ज्यादातर जिलों में इंटरनेट बैन कर दिया था। इसमें फिरोजाबाद में भी नेट बैन था। 20 दिसम्बर को नागरिकता कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के मद्देनजर पुलिस ने 200 लोगों को नोटिस भेजा था।

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