देश में फैली कोरोना महामारी की दूसरी लहर का प्रभाव अब काफी कम हो चुका है। कई राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामलों में भारी गिरावट देखी गई है।
लेकिन जब कोरोना की दूसरी लहर पीक पर थी। तो कई राज्य बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। जिनमें से एक भाजपा शासित उत्तर प्रदेश भी है। जहाँ लाखों की तादाद लोग कोरोना संक्रिमत पाए गए।
राज्य के कई अस्पतालों में जहाँ लोगों को बेसिक सुविधाएं नहीं मिल पाई। वहीँ शवदाह ग्रहों में लोगों को मृतकों का अंतिम संस्कार करने की जगह नहीं मिल रही थी।
अब उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर कोरोना महामारी में मृतकों के आंकड़े के छुपाने के आरोप लगाए हैं।
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा है कि “सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी से ये भंडाफोड़ हुआ है कि 31 मार्च, 2021 तक के कोरोनाकाल में 9 महीनों में उप्र के 24 ज़िलों में मृत्यु का आँकड़ा सरकार द्वारा दिये गये आँकड़ों से 43 गुना तक अधिक है। भाजपा सरकार मृत्यु के आँकड़े नहीं दरअसल अपना मुँह छिपा रही है।”
सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी से ये भंडाफोड़ हुआ है कि 31 मार्च, 2021 तक के कोरोनाकाल में 9 महीनों में उप्र के 24 ज़िलों में मृत्यु का आँकड़ा सरकार द्वारा दिये गये आँकड़ों से 43 गुना तक अधिक है।
भाजपा सरकार मृत्यु के आँकड़े नहीं दरअसल अपना मुँह छिपा रही है।#NoMoreBJP
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 22, 2021
गौरतलब है कि अगले साल उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जिसके चलते विपक्षी पार्टियां अब योगी सरकार पर हावी हो रहे हैं।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि भाजपा सरकार के झूठे दावों की पोल जनता के सामने खुल चुकी है।
भविष्य की खुशहाली के झूठे सपने दिखा कर योगी सरकार ने लोगों को मूर्ख बनाने का काम किया है। इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा के सत्ता से बाहर जाने के रास्ते जनता ही खुलेगी।
भाजपा के राज में उत्तर प्रदेश की बदहाली की इबारत लिखी गई है। कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। राज्य की जनता योगी सरकार से त्रस्त है।
योगी सरकार के शासन काल में ना तो जनता की सुनवाई है और ना ही मंत्रियों की। राज्य में हुए घोटालों की वजह से योगी सरकार अपना विश्वास पूरी तरह से खो चुकी है।