उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से धवस्त हो चुकी है। यहां आए दिन लूट, हत्या और बालात्कार की वारदातें सुर्ख़ियां बटोर रही हैं। सूबे में कानून व्यवस्था की बदहाली का ताज़ा मामला राजधानी लखनऊ से सामने आया है। जहां एक वकील की बर्बर हत्या कर दी गई है।
लखनऊ के कृष्णानगर इलाके के दामोदरनगर में सोमवार रात पेशे से वकील शिशिर त्रिपाठी की ईंट-पत्थर से कूच कर हत्या कर दी गई। 32 वर्षीय शिशिर की हत्या में तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस के मुताबिक, शिशिर की हत्या आपसी रंजिश के चलते की गई है।
शिशिर त्रिपाठी के साथी वकीलों ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि, पुलिस आरोपियों को संरक्षण दे रही थी। शिशिर गांजा कारोबारियों का विरोध करते थे इसीलिए उनकी हत्या कर दी गई। साथियों का यह भी आरोप है कि कई बार पुलिस से शिकायत करने के बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। ये कोई पहला मामला नहीं है जब यूपी पुलिस पर सवाल उठ रहा है इससे पहले पुलिस का कई फेक एनकाउंटर में नाम आ चुका है।
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इस मामले में एक आरोपी वकील विनायक ठाकुर को गिरफ्तार किया गया है। एक और आरोपी मोनू तिवारी की पुलिस को तलाश है। वहीं अन्य लोगों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है। ये सभी लोग शिशिर के साथ मिलकर प्रॉपर्टी का काम करते थे।
बता दें कि पिछले साल इलाहाबाद में वकील सुशील कुमार पटेल को बदमाशों ने गोली रविवार रात फाफामऊ में गोहरी रेलवे क्रॉसिंग के पास मारी थी। उनपर यह हमला उस वक्त हुआ था जब वह ज़िला अदालत से निकलकर बाइक से घर जा रहे थे। वकील पर गोलियां चलाने के बाद बदमाश मौके से फरार हो गए थे। जिसके बाद पुलिस घायल वकील को लेकर एसआरएन अस्पताल पहुंची। लेकिन तब तक उनकी सांसें थम चुकी थीं।