तीनो कृषि कानूनों के विरोध में देशभर के किसान के आंदोलन कर रहे हैं। किसान पिछले 11 दिनों से दिल्ली के सिंघु, टिकरी और यूपी गेट पर डटे हुए हैं।

सर्द मौसम में किसान सड़क पर रात बिताकर केंद्र सरकार से यही मांग कर रहे हैं कि कृषि कानून वापस लिया जाये। अब बड़े आंदोलन का रूप ले चुके किसानों को सभी विपक्षी दलों का समर्थन मिल रहा है।

इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 8 दिसंबर को भारत बंद को पूर्ण समर्थन दिया है। साथ ही अखिलेश यादव सोमवार से किसानों के समर्थन में पदयात्रा का भी ऐलान किया है।

किसानों के समर्थन में समाजवादी पार्टी की प्रदेशव्यापी किसान पदयात्रा में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कन्नौज से पदयात्रा का शुभारंभ करेंगे।

इस दौरान सपा अध्यक्ष ने कहा कि, “समाजवादी पार्टी किसानों की मांगों का समर्थन करती है। सरकार तीनों किसान विरोधी कानून को वापस ले। जबतक यह वापस नहीं होता तबतक सपा पूरे प्रदेश में लगातार पदयात्रा आयोजित करेगी।”

इस पदयात्रा में अखिलेश यादव स्वयं कन्नौज के मंडी से किसान बाजार तक शामिल होंगे। अखिलेश यादव ने कहा कि, सरकार किसानों से झूठे वादे कर रही है। किसानों की फसल न्यूनतम समर्थन मुल्य पर नहीं खरीदी जा रही हैं।

महंगाई लगातार बढ़ रही है। छिड़काव के लिए कीटनाशकों के दाम बढ़ रहे हैं। खेती का लागत मूल्य लगातार बढ़ रहा है।

सपा अध्यक्ष ने कृषि कानून पर बड़ी बात कहते हुए कहा, यह कानून किसानों के लिए डेथ वारंट है। सरकार को मंडियों को सुधारना चाहिए था. किसानों को आयात नहीं था कि ये कानून लागू हो जाएगा और बड़े-बड़े (उद्योगपति) किसान बन जाएंगे।

अखिलेश यादव ने आगे कहा कि, “जो हमारा पेट भरता है, जो हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है उसके साथ इतना बड़ा खिलवाड़ हो रहा है। किसान हज़ारों-लाखों की संख्या में दिल्ली के पास कड़ाके की सर्दी में बैठे हैं और कोई सुननेवाला नहीं है।

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