आज यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जन्मदिन है। इस मौके पर विपक्ष एक अनूठे तरीके से सीएम का जन्मदिन मना रहा है।
योगी के जन्मदिन को यूपी बेरोजगार दिवस के तौर पर मनाया जा रहा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर #यूपी_बेरोजगार_दिवस सुबह से ही ट्रेंड कर रहा है।
इसके साथ ही विपक्षी नेताओं द्वारा सोशल मीडिया में यूपी में रोजगार सृजन, नौकरियों और बेरोजगारी की स्थिति को दर्शाया जा रहा है।
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता मनोज काका ने इस मौके पर ट्वीट किया है कि सीएम योगी आदित्यनाथ को यूपी बेरोजगार दिवस की मंगलकामनाएं।
मनोज काका ने आंकड़े जारी करते हुए कहा कि यूपी में बेरोजगारी दर 18 प्रतिशत है। 12460 शिक्षकों की भर्ती पूरी नहीं हुई है। इसे पूरी की जाए। 68500 शिक्षकों की अन्य रिक्तियां हैं, 69000 अगली सूची जारी कर सरकार।
मनोज काका ने दारोगा भर्ती का भी मुद्दा उठाया और कहा कि 2016 बैच की दारोगा भर्ती पूरी की जाए।
यूपी मे बेरोज़गारी दर 18 फ़ीसदी है सभी भर्तियों रूकी पड़ी है #12460शिक्षक_भर्ती_पूरी_करो #68500शिक्षक_भर्ती #69000_अगली_सूची_जारी_करे_सरकार #2016 बैच की दरोग़ा भर्ती #यूपी_बेरोजगार_दिवस#यूपी_बेरोजगार_दिवस
— Manoj KAKA (@ManojSinghKAKA) June 5, 2021
सपा नेता आशीष यादव ने लिखा- “रोगी माडल” : नौकरी हैं नहीं, रोजगार किया ध्वस्त। #यूपी_बेरोजगार_दिवस
"रोगी माडल" :
नौकरी हैं नहीं, रोजगार किया ध्वस्त।#यूपी_बेरोजगार_दिवस
— Aashish Yadav (@aashishsy) June 5, 2021
वहीं सपा नेता आईपी सिंह ने लिखा- “आज योगी के सम्मान में छात्रों ने आज के दिन को #यूपी_बेरोजगार_दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया है। जिसने छात्रों का रोजगार छीना उसे उत्तर प्रदेश कभी माफ नहीं करेगा।”
आज योगी बाबा के सम्मान में छात्रों ने आज के दिन को #यूपी_बेरोजगार_दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया है।
जिसने छात्रों का रोजगार छीना उसे उत्तरप्रदेश कभी माफ नहीं करेगा।
— I.P. Singh (@IPSinghSp) June 5, 2021
मालूम हो कि यूपी में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है। प्रदेश की भाजपा सरकार बेरोजगारी दूर करने एवं रोजगार सृजन को लेकर कोई भी ठोस कदम उठाती हुई दिखाई नहीं दे रही, इसे लेकर प्रदेश भर के छात्रों और नौजवानों में सरकार के प्रति आक्रोश है।
बात करें आंकड़ों की तो वर्ष 2018 में सरकारी आंकड़ों के अनुसार यूपी में बेरोजगारी दर 5.92% थी, जो 2019 में बढ़ कर 9.97% हो गई। साल दर साल यूपी में बेरोजगारी दर डबल होती जा रही है। अभी कहा जा रहा है कि यूपी में बेरोजगारी दर 18% के आसपास है।
आपको बता दें कि यूपी में बेरोजगारी का यह आलम है कि यहां चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों के लिए पीएचडी और एमबीए डिग्री धारक भी आवेदन करते दिखाई दे देते हैं।
यूपी में सरकारी भर्तियों की स्थिति भी बेहद बदहाल है. वर्ष 2016 से लेकर 2019 तक सरकार द्वारा निकाली गई 24 अलग अलग भर्तियों में 22 अलग अलग वजहों से रुकी पड़ी हैं। यूपी की दुर्दशा ऐसी हो चुकी है कि प्रदेश में आर्थिक तंगी एवं बेरोजगारी की वजह से युवाओं की आत्महत्या के मामले लगातार सामने आते रहते हैं।
दिलचस्प बात तो यह है कि यूपी सरकार के आंकड़ों में प्रदेश में बेरोजगारी जैसी कोई समस्या है ही नहीं!
हाल ही में सेंटर फॉर मोनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के सर्वे में बताया गया है कि यूपी में योगी सरकार ने रिकॉर्ड 04 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी ही है. इन आंकड़ों की हक़ीक़त क्या है, ये तो यूपी की जनता ही जानती है !