‘आतंकवादी संगठन मदरसों की फंडिंग कर रहे हैं। मदरसों ने आईएएस, आईपीएस कम पैदा किए हैं लेकिन आतंकवादी बहुत ज्यादा। इसलिए देश के सारे मदरसों को बंद कर उन्हें आम स्कूलों में तब्दील कर दिया जाए।’

ऐसा कहना था शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी का जिन्होंने पिछले साल जनवरी महीने पीएम मोदी को चिट्टी लिखा ये सब कहा था।

मगर वो साल दूसरा था ये साल दूसरा है। अब चुनावी सीजन चल रहा है हर दर पर नेता जाकर समर्थन मांग रहें है। ऐसे में आज लखनऊ में भी कुछ ऐसा ही हुआ। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज लखनऊ में ईदगाह इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली, मौलाना आगा रूही व मौलाना यासूब अब्बास से मुलाकात की।

इस मौके पर वो अकेले नहीं थे उनके राज्य के उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा भी मौजूद रहें। जनसंपर्क कर रहें गृहमंत्री राजनाथ सिंह ये बात जानते थे की ये वही मदरसा है जिसपर आये दिन नया-नया विवाद जन्म लेता रहता है।

मगर आज राजनाथ सिंह ने जिस तरह से मुस्लिम धर्म के इमामों से मुलाकात की उसे देख लगता एक बात साफ़ होती है। कम से राजनाथ सिंह तो मदरसों को आतंकवादियों का अड्डा नहीं मानते है जैसा की मीडिया ने पिछले कई सालों में बताने की कोशिश की है।

राजनाथ सिंह यूपी की राजधानी लखनऊ की लोकसभा सीट से सांसद है। इसबार भी वो यही से चुनाव लड़ रहें है। उनके खिलाफ महागठबंधन ने जहाँ पूनम सिन्हा को उतारा है वहीं कांग्रेस ने आचार्य प्रमोद कृष्णम को उम्मीदवार बनाया है।

ऐसे में उनका मुकाबला दो दलों से है, वो नहीं चाहते की कहीं से भी उनका समर्थन कम हो। इसलिए मुस्लिमों से समर्थन मांगने में पीछे नहीं हट रहें है। फिलहाल एक बात तो साफ़ है कि लखनऊ के तमाम मदरसों में पहुंचकर देश के गृहमंत्री ने उन लोगों को जवाब दे दिया जो यह मानते हैं कि मदरसों में आतंकी पैदा किये जाते हैं।

इसे लेकर सोशल मीडिया पर एक यूज़र ने तंज करते हुए लिखा- इलेक्शन जो ना करवाए

बता दें राजनाथ सिंह ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में 561106 मिले थे। वहीँ दूसरे नम्बर पर रीता बहुगुणा जोशी को 288357 वोट मिले थे और सपा तीसरे और बसपा चौथे नंबर पर रही थी।

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