मध्यप्रदेश में बीजेपी की सरकार बनते ही कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके परिजनों के खिलाफ चल रहा संपत्ति के दस्तावेजों में हेरफेर का मामला बंद कर दिया गया है।
सिंधिया के ख़िलाफ़ ये मामला 2014 में सुरेन्द्र श्रीवास्तव नाम के एक शख्स ने मध्यप्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में दर्ज करवाया था। हाल ही में सुरेन्द्र श्रीवास्तव की फरियाद पर मामले को दोबारा खोला गया था। लेकिन मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही ईओडब्ल्यू ने केस की फाईल बंद कर दी।
BJP में शामिल होने का सिंधिया को मिला ईनाम! EOW ने बंद किया ज़मीन घोटाले का केस
श्रीवास्तव का आरोप था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके परिवार द्वारा महलगांव ग्वालियर की जमीन खरीद कर रजिस्ट्री में कांट छांट की गई और उसकी 6000 वर्ग फीट जमीन कम कर दी गई।
वहीं सिंधिया को क्लीनचिट मिलने पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ट्विटर पर लिखा- आज का नुस्खा: कोरोना से बचने के लिए हैंड सेनिटाइजर का इस्तेमाल करें, नर्क से बचने के लिए गंगा में डुबकी लगाएं और आपराधिक मामलों में बचने के लिए बीजेपी ज्वाइन करें।
Today’s prescription:
To prevent #Covid19 use hand sanitisers, to prevent damnation dip in the Ganga, to prevent criminal charges join BJP https://t.co/ItvI4l3urM— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) March 24, 2020
बता दें कि सिंधिया ने 11 मार्च को बीजेपी की सदस्यता ली थी। जिसके एक दिन बाद ही यानी 20 मार्च को श्रीवास्तव की मांग पर केस की दोबारा जांच के आदेश दिए गए थे। लेकिन 20 मार्च को कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद बीजेपी की सरकार बनना तय हो गया।
ईओडब्ल्यू ने 20 मार्च को ही इस केस को बंद कर दिया। मंगलवार को ईओडब्ल्यूएक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शिकायत की जांच में पाया गया कि जिस ट्रांसेक्शन को लेकर सिंधिया और उनके रिश्तेदारों की शिकायत की गई थी उसमें कुछ गलत नहीं पाया गया। इसलिए केस की फाइल को बंद कर दिया गया।