
अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के इंसान से ज्यादा गाय को महत्व देने वाले बयान पर घमासान शुरू हो चुका है। जहां एक तरफ विश्व हिंदू परिषद् ने इस बयान पर कहा वो किसी भी हत्या की निंदा करती है, चाहे वह किसी इंसान की हो या गोमाता की।
लेकिन गौरक्षा के संबंध में कोई भी टिप्पणी करने से पहले जांच के परिणाम की प्रतीक्षा करनी चाहिए। गौरक्षा के काम को अपमानित करके वो हिंदुओं की भावनाओं को आहत न करें।
बुलंदशहर में हमने देख लिया कि देश में अब ‘पुलिस ऑफिसर’ से ज्यादा एक ‘गाय’ की मौत की अहमियत है : नसीरुद्दीन शाह
अब इस बयान पर नसीरुद्दीन शाह ने एक बार फिर सफाई देते हुए कहा कि मैंने पहले जो कहा वो एक चिंतित भारतीय होने के नाते कहा। मगर जो कह रहा हूँ उसके लिए मुझे गद्दार कहा जा रहा है।
मैं बस देश के प्रति अपनी चिंता व्यक्त कर रहा हूँ ये देश जिससे मैं प्यार करता हूँ, ये मेरा घर है ये बोलना जुर्म से कैसे हुआ।
गौरतलब हो कि नसीरुद्दीन शाह ने एक इंटरव्यू में कहा था मुझे इस बात से डर लगता है कि अगर कही मेरे बच्चों को भीड़ ने घेर लिया और उनसे पूछा जाए कि तुम हिंदू हो या मुसलमान?
मेरे बच्चों के पास इसका कोई जवाब नहीं होगा। पूरे समाज में ज़हर पहले ही फैल गया है।