अत्याचार, ज़ुल्म और ज़्यादती की सारी हदें ताज नगरी आगरा में पार हो गई हैं। ‘कथित ऊँची जाति’ के दो दबंगों ने जिस दलित लड़की संजलि को जलाकर मार डाला था उसके चचेरे भाई ने भी ज़हर खाकर अपनी जान दे दी। वो दिल्ली के अस्पताल में भर्ती अपनी बहन को देखने गया था। लेकिन उससे बहन की हालत देखी न गई। वो वापस घर आया और ख़ुदकुशी कर ली। लड़के की उम्र 25 साल थी।

दलित लड़की को ज़िंदा जलाया गया था-

मंगलवार 18 दिसम्बर, आगरा से 20 किमी. दूर लालामऊ गाँव के पास दो दबंगों ने स्कूल से वापस लौट रही 10वीं में पढ़ने वाली मासूम बच्ची को आग के हवाले कर दिया था। इस हैवानियत में बच्ची 75 फ़ीसदी झुलस गई थी जिसके बाद उसे दिल्ली के सफ़दरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन अफ़्सोस कि 36 घंटे तक जूझने के बाद उसने दम तोड़ दिया।

इतने घिनौने अपराध के बावजूद पुलिस के हाथ अब तक ख़ाली हैं। दोनो आरोपी फ़रार हैं और पुलिस सिर्फ़ बयानबाज़ी कर रही है।

सुबोध पर भी चुप थे संजलि पर भी चुप हैं सीएम योगी आदित्यनाथ-

गोकशी के हर मामले में बोलने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ इस मामले में अब तक ख़ामोश हैं। उनकी तरफ़ से कोई प्रतिक्रिया अब तक नहीं आई है। वो बुलंदशहर हिंसा में मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध मामले में भी लम्बे समय तक चुप थे।

डिंपल यादव ने बोलीं अपराधियों को किसी हाल में न छोड़ा जाए-

सोशल मीडिया में कम नज़र आने वाली सपा नेता डिंपल यादव ने भी मामले में प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीटर पर लिखा-

अपराधियों के हौसले बुलंद-

यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने भी घटना के बाद यूपी की क़ानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए है।

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