सुप्रीम कोर्ट द्वारा राफेल डील पर ख़ारिज की गई याचिका पर विपक्षी दलों ने नाराजगी जताई है। इस मामले पर बसपा सुप्रीमों ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा जनता की आशंका रही है कि दोनों ही पार्टियाँ एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं।

कांग्रेस ने बोफोर्स का आरोप झेला है तो भाजपा ने राफेल का, उन्होंने कहा कि रक्षा सौदों को लेकर देश की दोनों बड़ी पार्टियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके है।

मायावती ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि देश के व्यापक हित में यही बेहतर होगा कि केन्द्र सरकार, अपनी सहयोगी पार्टियों के साथ-साथ देश की प्रमुख विपक्षी पार्टियों को विश्वास में लेकर, देश की सुरक्षा सम्बन्धी अहम ज़रूरतों को ध्यान में रखकर सैन्य व अन्य रक्षा सौदों के सम्बन्ध में एक “दीर्घकालीन व पारदर्शी नीति” तैयार करे। साथ ही उसपर ईमानदारी से अमल करे।

फ़िलहाल राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मोदी सरकार राहत की सांस ले रही है। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि राफेल मामले पर कांग्रेस देश को गुमराह कर रही थी।

शाह ने कहा कि आज सिद्ध हो गया है चोर-चोर वही चिल्लाते है जिनको चौकीदार का भय होता है।

बता दें कि आज सुप्रीम कोर्ट में राफेल विमान खरीद में हुए भ्रष्टाचार की जांच से जुड़ी सभी दाखिल याचिकाओं को खारिज कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं को खारिज करने पर कहा है कि कोर्ट को रक्षा सौदे में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं मिला है।

इस फैसले के बाद मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप पर लगाकर हमलावर रहने वाली कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों को झटका लगा है। हालाँकि ये फैसला मोदी सरकार को उन आरोपों पर क्लीन चिट नही देता जिसके जरिए मोदी सरकार को घेरा गया। 

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