केंद्रीय मंत्री और सुल्तानपुर से भाजपा उम्मीदवार मेनका गांधी ने मुसलमानों को साफ़ तौर पर धमकी दी है कि वह सत्ता में आने के बाद मुसलमानों को नौकरी नहीं देंगी, अगर मुसलमान उन्हें वोट नहीं करेगा।

सुल्तानपुर के मुस्लिम बाहुल्य गांव तुराबखानी में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए मेनका गांधी ने कहा कि वह मुसलमानों के बिना भी चुनाव जीत रही हैं, इसलिए अब मुसलमानों को तय करना होगा कि वह उनके साथ हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि जब पता चलता है कि मुसलमान बीजेपी को वोट नहीं करता तो दिल खट्टा हो जाता है। फिर जब मुसलमान अपने काम लेकर हमारे पास आता है तो हम महात्मा गांधी नहीं हैं, नौकरी भी सौदेबाज़ी है।

मेनका गांधी ने वहां मौजूद मुस्लिम समाज के लोगों से कहा, “हम खुले हाथ और खुले दिल के साथ आए हैं। आपको कल मेरी जरूरत पड़ेगी। ये इलेक्शन तो मैं पार कर चुकी हूं। अब आपको मेरी जरूरत पड़ेगी। अब आपको जरूरत के लिए नींव डालना है, तो सही वक्त है”।

उन्होंने आगे कहा, “जब रिजल्ट निकलेगा, उसमें 100 वोट या 50 वोट निकलेंगे। उसके बाद जब आप काम के लिए आएंगे तो वही होगा मेरे साथ। समझ गए आप लोग। इसलिए जब आप मेरे ही हो तो क्यूं नहीं मेरे ही रहो”।

हालांकि थोड़ी देर बाद केंद्रीय मंत्री ने धमकी को नरमी में बदलते हुए कहा, “मैंने कम से कम एक हजार करोड़ रुपए बांटे होंगे केवल मुसलमानों के संस्थाओं को, ताकि वो फले-फूलें। सवाल ये है- आप लोग जब आते हो मदद के लिए तो इलेक्शन के टाइम आप कहोगे… हम भाजपा को वोट नहीं देंगे। हम कोई भी पार्टी को दे देंगे, जिससे भाजपा हारेगी। तो हमारा दिल भी टूटता है।

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